लोक आस्था का महापर्व छठ सम्पन्न
राजगांगपुर : सीमेंट नगरी राजगांगपुर समेत पूरे सुंदरगढ़ जिला में चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ सम्पन्न हो गया । आपको बता दे लोक आस्था का महापर्व छठ मंगलवार को नहाय-खाय के साथ शुरू छठ महापर्व में बुधवार को खरना उत्सव में लोगों ने परिवार के साथ खीर रोटी खाकर रात्रि से उपवास शुरू किया।
गुरुवार को छठ मइया के पूजन के साथ ही संध्या के समय व्रती घाटों पर जाकर अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य अर्पित किया। शुक्रवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रतियों द्वारा 24 घंटे के निर्जला उपवास किया जाएगा। इसे लेकर राजगांगपुर में प्रशासन सहित छठ कमेटियों की ओर से बाबा तलाब घाट, पर सामूहिक रूप से छठ पूजा की गई है।
खासकर बाबा तलाब घाट पर हजारों की संख्या में छठ व्रतियों के पूजा करने के मद्देनजर सुरक्षा के साथ-साथ लोगों की सुविधा के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है कि छठ मइया को सूर्यदेव की बहन माना जाता है। एक कथा के अनुसार छठ देवी को ईश्वर की पुत्री देवसेना माना गया है। देवसेना प्रकृति की मूल प्रवृति के छठवें अंश से उत्पन्न हुई हैं, यही कारण है कि उन्हें षष्टी भी कहा जाता है। कार्तिक शुक्ल मास की षष्ठी तिथि को उनकी आराधना करने वालों को विधि विधान से पूजा करने पर संतान प्राप्ति होती है।
इस महापर्व छठ के अवसर पर बाबा तलाब घाट में भारी संख्या में भक्तगण मौजूद थे | गौरतलब है कि बाबातलाब घाट को आकर्षक बिजली की रंगबिरंगे झालरों से सज्जा की गई । सूर्य उपासना के महापर्व छठ सभी छठ घाटों को जगमगाती लाइटों से सजाया गया ,आस्था के महापर्व छठ में हिंदु समाज के सभी समुदाय के लोग घाटों में भगवान सूर्य को अर्ध्य देने को सैकड़ो की संख्या में लोग शहर में स्थित सभी 6 घाटों में नजर आए |
राजगांगपुर शहर के बीचों बीच बने बाबातलाब छठ घाट सहित लिपलोई छठ घाट, बगीचापड़ा छठ घाट, कुंडु तालाब रानिबन्ध, लिपलोई नदी घाट खचाखच भक्तों के भीड़ से भरी हुई थी हजारों की सँख्या में पहुँचे भक्त छठ व्रतीयो का मनोबल बढ़ाया