चौकिए मत साहब ये एनएच 343 है : गड्डों में तब्दील हुआ नेशनल हाईवे, राहगीरों को हो रही परेशानी, विभाग बेपरवाह
जर्जर सड़क पर छठ पूजा करने कैसे जाएंगे व्रती
अंबिकापुर बलरामपुर।एनएच 343 अंबिकापुर से पस्ता और बलरामपुर से रामानुजगंज तक जर्जर सड़क पर चलना मुश्किल हो गया है। अंबिकापुर से पस्ता महान नदी तक सड़क बड़े बड़े गड्ढों में तब्दील हो गई है, आए दिन दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। सड़क दुर्घटनाएं में कई लोंगो की मौत हो चुकी है इसके बाद भी विभाग को ध्यान नहीं है। जिम्मेदार विभाग बेपरवाह बना हुआ हैं। स्कूल आने-जाने वाले विद्यार्थियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है वही गेउर नदी के पास सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है, ऐसे में छठ पूजा करने कैसे जाएंगे व्रती।
अंबिकापुर से रामानुजंगज तक सड़क पर मंत्री, विधायक, अफसर व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी 30 से 35 लाख रुपए वाले वाहन में चलते है इसलिए उन्हें जर्क का एहसास नहीं होता। बारिश होने के कारण सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। एनएच 343 अंबिकापुर रामानुजगंज नाका से रामाजुनगंज तक पेंच रिपेयरिंग कार्य ठेकेदारों के द्वारा निम्नस्तर का कराया गया था। पेंच रिपेयरिंग सड़क बनते के साथ उखंडना चालू हो गया था आज सड़क बड़े-बड़े गड्डों में तब्दील हो गई है। अफ़सर और एनएच विभाग के अधिकारी -कर्मचारी मौन बैठ मौत के आंकड़े गिन रहे है। विभाग के द्वारा किसी प्रकार की पहल नही की जा रही है जिसका खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है।
“एनएच 343 कई मार्गो को जोड़ता है”
एनएच 343 अंबिकापुर से राजपुर तक कई मार्गो को जोड़ता है। राजपुर, बलरामपुर, रामानुजगंज, सनावल, वाड़फनगर, झारखण्ड़, बिहार, बनारस, टाटा, रांची, डाल्टेनगंज आदि एवं अम्बिकापुर से राजपुर, शंकरगढ़, कुसमी, जशपुर, जमशेदपुर टाटा, गुमला, रांची आदि को जोड़ता है।
“अंबिकापुर शंकरघाट से पस्ता, बलरामपुर से रामानुजगंज तक सड़क हुआ गड्ढों में तब्दील”
अंबिकापुर शंकरघाट से पस्ता, बलरामपुर से रामानुजगंज तक, राजपुर गेउर नदी किनारे, झींगों से भेड़ाघाट, परसागुड़ी, परसा से शंकरघाट तक सड़क गड्ढों में तब्दील हो गई है। छोटे वाहन के चक्के गड्ढे में घुस जा रहे है आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। इसके जिम्मेदार कौन हैं प्रशासन या एनएच विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, विभाग के अधिकारी-कर्मचारी सांत बैठ मौत के आंकड़े गिन रहे है।
“एसडीएम राजीव जेम्स कुजुर ने कहा कि एनएच वाले को गड्ढे भरने के लिए बोलता हूं”।