छत्तीसगढ़

पुलिस अधीक्षक को भेजे गए फर्जी नोटिस के जरिए पत्नि को फ़साने की कोशिश हुई फेल

Advertisement

08 जिलों के एसपी को भेजा गया फर्जी नोटिस, कोरिया पुलिस ने की त्वरित कार्यवाही, आबकारी उप निरीक्षक को किया गिरफ्तार

दिनांक 16 अक्टूबर 2024 को पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया में एक स्पीड पोस्ट प्राप्त हुआ। इस बंद लिफाफे पर प्रेषक के रूप में ‘अनीता प्रजापति, RTI कायकर्ता कोरबा’ का उल्लेख था। पुलिस अधीक्षक कार्यालय कोरिया के मुख्य लिपिक द्वारा जब इस लिफाफे को खोला गया, तो उसमें अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी द्वारा अनीता प्रजापति की ओर से पुलिस अधीक्षक, कोरिया को एक पंजीकृत सूचना पत्र भेजा गया था। इस पत्र में, कथित अधिवक्ता द्वारा एसपी कोरिया पर कई मनगढंत एवं बेबुनियाद आरोप लगाए गए थे। जो प्रथम दृष्टि में ही पत्र संदिग्ध लग रहा था, पत्र के अंत में कथित अधिवक्ता द्वारा कथित RTI Activist के खाते में तीन दिनों के भीतर 05 लाख रूपये राशि जमा करने की चेतावनी दी गई थी। अतः पत्र में पर्याप्त तौर पर आपराधिक तत्वों का समावेश पाया गया।

इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, पुलिस अधीक्षक कार्यालय के मुख्य लिपिक श्री फ्रांसिस जेवियर बेक द्वारा मनगढंत पत्र पर वैधानिक कार्यवाही करने हेतु थाना प्रभारी बैकुंठपुर को आवेदन पत्र प्रेषित किया गया। थाना बैकुंठपुर ने इस मामले की जांच प्रारंभ की, जिसमें ज्ञात हुआ कि प्रार्थिया अनीता प्रजापति एवं उसके अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी ने उक्त पंजीकृत डाक को नहीं भेजा है।

मामले में सूक्ष्मता से विवेचना करते हुये लिफाफे में उल्लेखित स्पीड पोस्ट नम्बर की मौके पर जाँच किया गया जिससे टेक्निकल इनपुट के आधार पर पता चला कि दिलीप प्रजापति नामक व्यक्ति ने जो कि पत्र में उल्लेखित अनीता प्रजापति का पूर्व पति था, यह उगाही पत्र पत्नि को प्रताड़ित करने की नीयत से फर्जी तौर पर बनाकर भेजा था।

उल्लेखनीय है कि दिलीप प्रजापति आबकारी विभाग में उप निरीक्षक के पद पर कार्यरत है जिसका अपनी पत्नि से विवाह विच्छेद हो चुका है, और माननीय न्यायालय के आदेश के अनुसार उसे 14,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करना पड़ रहा है, जिससे उसने प्रतिशोध की भावना से ऐसा कदम उठाया और 08 जिलों के पुलिस अधीक्षको को मनगढंत एवं निराधार आरोप लगाते हुए उगाही पत्र भेजा है। ताकि पत्नि पुलीसिया कार्यवाही से परेशान हो जाए।

जांच के दौरान यह भी पाया गया कि दिलीप प्रजापति ने अपनी पत्नी के मेन्टेनेंस के नाम पर न्यायालयीन मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ओमप्रकाश जोशी के नाम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर अपनी पत्नि और उसके अधिवक्ता को फ़साने के लिए इस प्रकार की कूटरचना कर मनगढंत आरोप पत्र भेजा था।

इस प्रकरण में आरोपी दिलीप प्रजापति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं 339, 318, 338, 336, 340, 308 BNS के तहत अपराध पंजीबद्ध किया गया और इस पर गहन विवेचना शुरू की गई है। अपराध में प्रयुक्त कंप्यूटर, प्रिंटर, स्कैनर, फर्जी दस्तावेज और CCTV फुटेज जब्त कर लिए गए, और पर्याप्त सबूत मिलने पर दिनांक 25 अक्टूबर 2024 को आरोपी की विधिवत गिरफ्तारी की गई। अन्य प्रभावित जिलों को भी यह सूचना दी जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button