जशपुर पुलिस व प्रशासन की पहल – सड़क सुरक्षा मितानों हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

जशपुर, 16 सितम्बर 2025। जशपुर जिले में सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायलों को सही प्राथमिक उपचार उपलब्ध कराने तथा आम नागरिकों को यातायात नियमों के प्रति और अधिक जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस व प्रशासन द्वारा एक विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ आज 16 सितम्बर को रक्षित केंद्र जशपुर के सभागार में किया गया।

इस अवसर पर उप पुलिस अधीक्षक जशपुर मंजुलता बाज, रक्षित निरीक्षक अमरजीत खूंटे, मास्टर ट्रेनर डॉ. लक्ष्मी कांत आपाट एवं डॉ. ललित चौधरी, शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय नारायणपुर के व्याख्याता उत्तम कुमार यादव, स्वयं सेवक रिंटा गुप्ता, रितेश भगत, नेहा एक्का और अनुरूप एक्का, सहित बड़ी संख्या में “सड़क सुरक्षा मितान”, यातायात पुलिस अधिकारी/कर्मचारी एवं प्रशिक्षार्थी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का उद्देश्य
सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायल व्यक्तियों को गोल्डन ऑवर में सही प्राथमिक उपचार देकर उनकी जान बचाना।
आम नागरिकों को यातायात नियमों का पालन करने हेतु प्रेरित करना।
दुर्घटनाओं की संख्या में कमी लाना।
प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा
प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 सितम्बर से 08 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।
प्रारंभिक स्तर पर 250 सड़क सुरक्षा मितानों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम तीन चरणों में आयोजित होगा:
1. 16 सितम्बर से 21 सितम्बर – रक्षित केंद्र जशपुर
2. 25 सितम्बर से 27 सितम्बर – थाना परिसर कुनकुरी
3. 06 अक्टूबर से 08 अक्टूबर – पत्थलगांव
प्रशिक्षण की विशेषताएँ
विशेषज्ञ डॉक्टरों एवं मास्टर ट्रेनर्स की टीम द्वारा सड़क सुरक्षा मितानों को सड़क दुर्घटनाओं के दौरान घायलों को प्राथमिक उपचार प्रदान करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षणार्थियों को आपात स्थिति में एम्बुलेंस उपलब्ध कराने और अस्पताल तक सुरक्षित व त्वरित पहुँच सुनिश्चित करने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
पृष्ठभूमि
जशपुर जिले में कलेक्टर रोहित व्यास और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में सड़क दुर्घटनाओं से बचाव और यातायात जागरूकता हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नागरिकों को “सड़क सुरक्षा मितान” बनाया गया है, जो आम जनता को यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक करते हैं। अक्सर दुर्घटनाओं में प्राथमिक उपचार न मिल पाने और अस्पताल ले जाने में देरी के कारण घायलों की मृत्यु हो जाती है। इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।





