झूठे मुकदमे का पर्दाफाश: जांच में सामने आया सच्चाई का सच

बंडामुंडा थाना में दर्ज मामले की जांच में हुआ खुलासा, शिकायतकर्ता पर ही हुई कानूनी कार्रवाई
बंडामुंडा थाना में 08 अगस्त 2021 को राजकुमारी चौधरी पत्नी प्रेमलाल चौधरी द्वारा दर्ज कराए गए थाना कांड संख्या 35/2021 की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। यह मामला झूठा पाया गया, जिसके बाद पुलिस ने शिकायतकर्ता पर ही कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
झूठे आरोपों का खेल, देवर पर लगाए थे गंभीर आरोप
राजकुमारी चौधरी ने अपने पति और दो देवरों पर मारपीट और अपने बच्चे को छीनने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था। लेकिन जांच में सामने आया कि शिकायत के बाद से ही वह अपने देवर पर लगातार झूठे आरोप लगाकर परेशान कर रही थी। बार-बार जबरन उसके घर में घुस जाती, ताले तोड़कर प्रवेश करती और झगड़ा करने के बाद उस पर नए-नए मुकदमे दर्ज करवाती।

DIG के निर्देश पर जांच, झूठे दावों की खुली पोल
राजकुमारी के देवर ने पश्चिम रेंज डीआईजी ब्रजेश कुमार राय को आवेदन देकर झूठे मुकदमे की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। डीआईजी के निर्देश पर एएसपी राज किशोर मिश्रा ने इस मामले की जांच की।
जांच के दौरान –
✔ राजकुमारी के पति, देवर, देवरानी, बंडामुंडा थाना प्रभारी श्रीकांत खमारी और पूर्व उपनिरीक्षक दिपुन कुमार दलई से पूछताछ की गई।
✔ राजकुमारी चौधरी को भी बयान देने के लिए बुलाया गया, लेकिन वह हाजिर नहीं हुई।
जांच में क्या निकला?
🔹 परिवार से अलग रहती थी राजकुमारी – शादी के बाद ही वह और उसका पति परिवार से अलग रहने लगे थे।
🔹 देवर को मिला था पारिवारिक घर – परिवार के अन्य लोग नौकरी के कारण बाहर रहते हैं, जिससे तिलकानगर स्थित मकान देवर को सौंपा गया था।
🔹 जबरदस्ती घर में रहने की कोशिश – राजकुमारी अपने पति के साथ रहने के बजाय देवर के घर में जबरन रह रही थी और संपत्ति पर अवैध दावा कर रही थी।
🔹 झूठे मुकदमों का सिलसिला – अब तक वह अपने पति, देवर और देवरानी के खिलाफ चार झूठे मुकदमे दर्ज करा चुकी थी।
अब राजकुमारी पर ही हुई कार्रवाई
जांच में मामला झूठा पाए जाने के बाद 01 मार्च 2025 को बंडामुंडा थाना में थाना कांड संख्या 0047 के तहत धारा 331(3) और 306 बीएनएस में मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इस केस में उस पर ताला तोड़कर घर में घुसने और सामान चोरी करने का आरोप है। साथ ही, उसके द्वारा पति, देवर और देवरानी पर दर्ज कराए गए अन्य मामलों की भी दोबारा जांच की जा रही है।





