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ये कैसा महिला सशक्तिकरण?राज्य और केंद्र की भाजपा सरकार के दावों को झुठला रहा है एमएसपी प्रबंधन

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एम. एस पी स्टील प्रबंधन ने सैकड़ों महिलाएं की नौकरी छीनी,,

पुनः काम पर वापस लेने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में महिला कर्मचारी कंपनी गेट पर हल्ला बोला

रायगढ़ । एक तरफ केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार महिला सशक्तिकरण के नारे बुलंद करती नही थकती है तो दूसरी तरफ भाजपा शासित राज्यों से  लगातार महिलाओं के शारीरिक आर्थिक और मानसिक शोषण की नित नई घटनाएं सामने आती रही है।

ताजा मामला छ ग राज्य के औद्योगिक जिले रायगढ़ में स्थित एक बड़े उद्योग एमएसपी स्टील से जुड़ा है। मिली जानकारी के अनुसार msp स्टील प्रबंधन ने तानाशाही आदेश जारी कर बड़ी संख्या में यहां कार्यरत महिला क र्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है।

कम्पनी प्रबंधन के इस तुगलकी आदेश के बाद  एम एस पी स्टील प्रबंधन जामगांव के विरुद्ध सैकड़ों की संख्या में महिला कर्मचारी और उनके परिजनों ने हल्ला बोला है। जिससे प्लांट के आसपास के क्षेत्र में स्थिति बेहद तनाव पूर्ण हो गई है।

बताया जा रहा है कि कंपनी प्रबंधन के द्वारा अचानक लिए गए इस निर्णय से इन कमाकाजी महिलाओं के जीवन में एक बड़ी उथल-पुथल मच गई है। उनके अनुसार इस साल का त्योहारी सीजन सर पर है ऐसे समय में काम से निकालना उनके लिए गहरा धक्का जैसा है। इस निर्णय से उनके जीवन की आवश्यकताओं को पूरा करना उनके लिए अब एक चुनौती बन जाएगी। साथ ही सैकड़ों महिलाओ को अब बेरोजगारी का दंश झेलना पड़ेगा।

जिनकी रोजमर्रा की जरूरतें इस अचानक हुई घटना से बुरी तरह प्रभावित हो जाएगी। नौकरी से निकाली गई बहुत सी महिलाएं जिन पर अपने परिवारों की जिम्मेदारियां हैं, अब वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता का सामना करने को मजबूर है।

वही महिला कर्मचारियों के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल परिजनों का कहना है है कि यह मामला सिर्फ आर्थिक संकट का नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और अधिकारों के हनन का भी है।

इन महिला कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के नौकरी से निकाला गया है। अपनी आजीविका खो देने के बाद, वे महिलाएं एम एस पी स्टील कंपनी के गेट के सामने धरना प्रदर्शन करने को मजबूर हो चुकी हैं। उनका यह प्रदर्शन केवल काम पर वापस लिए जाने की मांग नहीं है, बल्कि यह एक संघर्ष है उन अधिकारों के लिए, जो उन्हें एक कर्मचारी और एक महिला के रूप में मिलना चाहिए।

अब देखना यह है कि महिला सशक्तिकरण का नारा  बुलंद करने वाली प्रदेश की भाजपा सरकार उर उसका प्रशासन इस मामले को लेकर कैसा रुख अपनाता है। इधर घटना की सूचना मिलते ही जहां एक ओर पुलिस प्रशासन सतर्क हुआ है तो वही दूसरी ओर रायगढ़ के पूर्व विधायक और कांग्रेस नेता प्रकाश नायक ने कहा है कि *यद्यपि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है,लेकिन जितना लोगों से पता चला है उसके अनुसार यह पूरी तरह से दुखद और शर्मनाक घटना है।

कम्पनी प्रबंधन का लिया यह निर्णय पूरी तरह से गलत है,एक साथ बिना किसी कारण आप कैसे महिला कर्मचारियों का रोजगार छीन सकते है? वो भी तब जब पूरे साल का सबसे बड़ा त्योहारी सीजन सामने खड़ा है। आप देख सकते है कि भाजपा शासित राज्यों में निजी कंपनियों की मनमानियां कितनी बढ़ी हुई है उन्हे महिला सशक्तिकरण के राज्य सरकार के दावों से कोई लेना देना नही है।*

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