छत्तीसगढ़

इस्कॉन केंद्र में हुआ भागवत कथा पाठ प्रशिक्षण और भजन,

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भगवान श्रीकृष्ण के द्वारा अर्जून को दिए गए अध्याय 7 के श्लोक एक से चार तक के ज्ञान के बारे में चर्चा किया गया

चक्रधरपुर। दक्षिण पूर्व रेलवे एकाउंट्स कालोनी(क्वा न. जी -159/1) इस्कॉन चक्रधरपुर में रविवार को सप्ताहिक भागवत कथा पाठ प्रशिक्षण और कथा वाचन के साथ आरती भजन और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम संपन्न हुआ। रविवार सुबह से राधा कृष्ण की मंगल आरती, भोग आरती तुलसी आरती सहित भागवत कथा का अध्याय 7 के श्लोक क्रमांक 1 से 4 तक का पाठ और इसकी समीक्षा एवं उसका अर्थ पर चर्चा की गई। इस अवसर पर इस्कॉन चक्रधरपुर के संचालक प्रकाश प्रभु ने कार्यक्रम में उपस्थित नए सदस्यों को भागवत कथा के अध्याय 7 के श्लोक क्रमांक 1 से लेकर 4 तक का सिलसिलेवार ढंग से पाठ कराया एवं उसका भावार्थ के साथ साथ उसकी समीक्षा की गई।

इस अवसर पर भगवान श्री कृष्ण ने अनंत प्रेम के बारे में बताया। भगवान ने अर्जून को उनके साथ नि: स्वार्थ रुप से जु़ड़े होने की बात कही। भगवान ने अर्जून को स्वयं के बारे में बताया और उन पर कोई संशय न रखकर अपना काम करते रहने की बात कही। इस अवसर पर भक्तों को भागवत गीता पाठ से होने वाले लाभ और मोक्ष के बारे में बताया। इस अवसर पर प्रभु मनोजित भट्टाचार्य ने भी भागवत कथा वाचन करते हुए श्रीकृष्ण के शरण में जाने की बात कही। भागवत गीता ही मनुष्यों को उनके जीवन के मूल्यों के बारे में बताया है।

मनुष्य के हर प्रश्न का उत्तर तथा हर समस्या का समाधान इसी भागवत गीता में होने की बात कही।  इस अवसर पर संजय प्रभु के द्वारा भजन और संकीर्तन भोग लागी के साथ साथ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे , हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे का जाप कराया। संस्था में नए जुड़े भक्तों को माला जाप कराया गया।इस अवसर पर भगवान को भोग लगाया गया एवं अंत में प्रसाद वितरण में सभी ने सामुहिक रुप से प्रसाद सेवन किया।

इस अवसर पर प्रकाश प्रभु, मनोजित भट्टाचार्य, संजय प्रभु, श्रीनिवास प्रभु, शुभम जायसवाल, मनोज प्रधान, अन्नापूर्णा माता, दिव्या, पार्वती, भारती माता, आकाश, सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होकर भागवत गीता पाठ प्रशिक्षण का लाभ उठाया। इस अवसर पर एक संस्था से नए जुड़े क्लास 10 का छात्र अपने पाकेट खर्च का संचय कर आज केंद्र से भागवतगीता खरीदा।

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