समस्याओं से घिरा नगर पंचायत धरमजयगढ़ उदासीन जन प्रतिनिधि
धरमजयगढ़ : कुछ पार्षदों के अलावा नगर पंचायत की जनता निर्वाचित निष्क्रिय जवाबदार तथा जिम्मेदार जनप्रतिनिधियो के कारण मुलभुल सुविधाओं के अभाव से जूझ रही है वर्तमान परिषद् के निष्क्रिय कार्यप्रणाली के कारण विकास अवरुद्ध है अधिकांश वार्डो के सी सी रोड उखड गए है सड़को पर बड़े बड़े गड्ढे बने है जिनमे बरसाती पानी एकत्रित है आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है आए दिन बड़ी बड़ी दुर्घटनाये हो रही है यही हाल इन वार्डो में नालियों का है जो की टूट फुट गयी है मरम्मत की अत्यंत आवश्यकता है
नालियाँ गंदी हैं मुख्य सड़क पर नालियों का गन्दा पानी उचित व्यवस्था के अभाव में बह रहा है वार्डो में गंदगी व्याप्त है नगर के मुख्य मार्ग के दोनों तरफ खरपतवार के साथ साथ, वार्डों मच्छर,मक्खी, पनप रहे है संक्रामक बीमारियों की आशंका हमेशा बनी हुई है पीने के लिए साफ़ जल उपलब्ध नहीं है बरसात के दिनों मे कभी कभी नलों मे पानी की सप्लाई तक नहीं होती विसंक्रमित जल की सप्लाई कभी भी नहीं की जाती नगर की पानी टंकियों की सफाई भी नहीं की गई है संक्रमित जल पीने से लोग संक्रमित जल जन्य व्याधियों के शिकार हो रहे है वार्डो के विद्युत खंबे प्रकाश विहीन हैं
जिससे आये दिन जहरीले कीटो से जान का खतरा रहता है नगर का एक मात्र उद्यान जनता के किसी काम का नहीं रह गया वही नगरपंचायत के जिम्मेदार जन प्रतिनिधियों को इन सब कार्यो से कोई मतलब नहीं है न ही इनकी कोई सकारात्मक सोच विकास को लेकर दिखाई देती है आज दिनाँक तक नगरपंचायत क्षेत्रान्तर्गत जो भी कार्य हुआ है वह पूर्व परिषद् काल के अध्यक्ष राम प्रसाद ढीमर व श्रीमती ममता अग्रवाल के प्रस्तावित एवम् लंबित कार्य ही कराये गए है नगरपंचायत का कार्य काल पूर्णतः की और है
किन्तु कोई भी नए महत्त्वपूर्ण मूल भूत सुविधा जन्य कार्य कराये ही नहीं गए है जनता के द्वारा उद्यान का उन्नयन,एक अतिरिक्त मिनी गार्डन,तालाब सौंदर्यीकरण,वार्डो में नए विद्युत् खंबे का विस्तार ,वार्डो में सी सी रोड, साफ़ सफाई ,रैन बसेरा ,पुस्तकालय जैसी जनहित की मांग हमेशा की जाती है किंतु जिम्मेदार जन प्रतिनिधि महोदय के कान में जु तक नहीं रेंगता हर विकास कार्य को नजर अंदाज करते है यही वजह है कि आज नगर पंचायत का हाल ग्राम पंचायत से भी बदतर है कुछ पार्षदों की नगर विकास की मांगों को पूरा करने में असमर्थ असफल रही परिषद को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देंना ही उचित प्रतीत होता है
धरमजयगढ़ की जनता ने जिस विस्वास के साथ इन्हें चुनाव जिताया था वो विस्वास आज तक कही भी नहीं दिखा इन्होंने जनता के साथ विस्वास्घात किया आगामी चुनावो में इनके कारण ये जिस पार्टी से वास्ता रखते है निश्चित ही उस पार्टी के वोट बैंक में गिरावट आना सुनिश्चित है इसमें कोई संदेह नहीं है लोग विधवा पेंसन निराश्रित,वृद्धा पेंसन एवम् राष्ट्रीय परिवार सहायता के लिए भटक रहे है तथा वर्तमान परिषद् के जवाबदार पदाधिकारियों को कोस्ते दिख रहे है ।