बंडामुंडा़ थाना पर मानवाधिकार आयोग की कार्यवाही
सामाचार संग्रह करने गए पत्रकार पर बंडा़मुंडा़ थाना द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इसपर पत्रकार ने राज्यमानवाधिकार आयोग से शिकायत की की उसपर बंडामुंडा़ थाना द्वारा झूठा आरोप लगाकर थानाकांड़ संख्या 0082/2024 में अभियुक्त बना दिया गया जबकि वह घटना स्थल पर समाचार संग्रह करने के लिए गया था।
पत्रकार ने राज्य मानवाधिकार आयोग को दी गई अपनी शिकायत पत्र में यह लिखा है कि-
मैं अपने बारे में कुछ पंक्तियाँ कहने जा रहा हूँ, हालाँकि शिकायत याचिका की घटना दिनांक 29-03-2024 को तिलकानगर बटेश्वर मंदिर परिसर पर घटित हुई है।
दिनांक 29-03-2024 को मैं तिलकानगर, बटेश्वर मंदिर, बंडामुंडा पोस्ट/पीएस- बंडामुंडा, जिला-सुंदरगढ़ (ओडिशा) पिन-770032 पर समाचार कवरेज के लिए रात लगभग 8 बजे गया था। उस समाचार को मैरे अपने चैनल सारांशदैनिक पोर्टल पर जारी/प्रकाशित किया गया। यह समाचार यूट्यूब चैनल खबर खास 24×7 पर भी प्रकाशित किया गया।
लेकिन यहां यह उल्लेख करना उचित है कि बंडामुंडा पुलिस ने दिनांक 29-03-2024 को हुई उपरोक्त घटना में बिना किसी सबूत के प्रथम सूचना रिपोर्ट में मुझे एक आरोपी बना दिया गया और मेरा नाम झूठा ही शामिल किया।
कि मैं सारांश दैनिक समाचार का प्रधान संपादक हूं और हिंदी समाचार पत्र खबर सार आरएनआई,छ.ग. /2018/75800 और वेब न्यूज पोर्टल/डिजिटल न्यूज का जिला ब्यूरो प्रमुख हूं।
मैं आपसे और आपके कार्यालय से अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे न्याय प्रदान करने के लिए उपरोक्त मामले की जांच करें और जल्द से जल्द कानूनी कदम उठाएं।
यह शिकायत सारांश दैनिक के मुख्य संपादक हरहर शम्भु कुमार चौधरी द्वारा बंडा़मुंडा़ थाना के विरूद्ध राज्य मानवाधिकार आयोग के पास दर्ज कराई गई है।
इससे पहले भी उक्त पत्रकार द्वारा बंडा़मुंडा़ थाना पर उसके घर को राजकुमारी चौधरी को ताला तोड़कर कब्जा दिलाने और उसे झूठे मुकदमें में फसानें और राजकुमारी के पक्ष में झूठा जाँच रिपोर्ट लगाकर उसे लाभ पहुंचाने की शिकायत सुंदरगढ़ जिला कलेक्टर के पास (युनिक आईडी 14)में दर्ज कराई है जिसकी जांच अभी चल रही है।
दिनांक 26/02/2022 को दिल्ली से प्रकाशित होने वाली ए अखबार क्राइम बिरोधी में एक खबर छपी थी जिसका संक्षेप यह है कि असामाजिक गतिविधियों में लिप्त राजकुमारी चौधरी से बंडामुंडा़ थाना को लाभ मिल रहा है इसलिए स्थानीय थाना द्वारा राजकुमारी का पक्ष लेते हुए उसका बचाव किया जा रहा है।
पूरे मामले को देखा जाए तो साफ पता चलता है कि बंडामुंडा़ थाना किसी भी हाल में पत्रकार को झूठे मुकदमें में फंसाना चाहती है।
अब देखना यह है कि बंडामुंडा़ थाना पर मानवाधिकार आयोग क्या कार्यवाही करती है, फिलहाल मानवाधिकार आयोग की सुनवाई जारी है।