छत्तीसगढ़

11 हाथियों के दल ने तीन मकान को तोड़ा, तीन हेक्टेयर फसल रौंदी

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उदयपुर । अंबिकापुर जिले के उदयपुर वन परिक्षेत्र के करमकट्ठरा रानुमाडा के जंगल में 11 हाथियों के दल पहुंचकर विचरण कर रहा है।
एक सप्ताह से श्रीनगर, प्रेम नगर के जंगलों में 11 हाथियों के दल विचरण करने के बाद ग्राम दावा में खेतों में लगे फसलों को बर्बाद करते हुए ओवरब्रिज पार कर ग्राम चकेरी बेल्ढाब तेंदूटिकरा में लगभग 3 हेक्टेयर फसल को रौंद कर क्षति पहुंचाया है। गोरेयाडोल में शिवरतन चौहान व हिरमेन बाई की मकान को क्षतिगस्त कर तेंदूटिकरा के अमावस्या का  मकान तोड़ डाला जिससे वह बेघर हो गया घर में रखे अनाज को चट कर गया।   

वन विभाग के दरोगा चंद्रभान सिंह मौके वन कर्मियों के साथ पहुंचकर हाथियों से हुए नुकसान का  मुआवजा राशि बना रहे हैं। वन विभाग की सतत निगरानी से हाथियों के दल को जंगल की ओर खदेड़ा गया, सेमीघोघरा होते हुए रानूमाडा के जंगलों में विचरण कर रहा है। वन विभाग की टीम अलर्ट होकर आसपास के गांव में सायर, कुमडेवा, लक्ष्मणगढ़, सुखरीभंडार व केदमा सड़क से आने जाने वाले राहगीरों को सतर्क किया जा रहा है ताकि किसी भी प्रकार का जन, धन की हानि ना हो।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी गणेश चतुर्थी के करीब इस जंगल में हाथियों का दल प्रवेश करता है जैसे ही गणेश चतुर्थी के तीसरे दिन हुए 11 हाथियों के दल कर्मकट्टरा जंगल में प्रवेश कर चुका है वन विभाग की टीम आज रात से ही निगरानी में लगी हुई है आसपास के गांव में अलर्ट किया जा रहा है। सतत निगरानी बनाए हुए हैं जैसे ही कर्म कटरा रानुमाडा जंगल में हाथियों का दल प्रवेश करता है महीनो तक इस जंगल में हाथियों का डेरा जमा रहता है। कई वर्षों से श्रावण मास के समाप्ति होने पर हाथियों का दल इस जंगल में आकर डेरा जमा लेते है, महीनो तक जाने का नाम नहीं लेते चाहे कितना भी वन विभाग की टीम ग्रामीणों के द्वारा भगाने का प्रयास करने के बावजूद भी भगाने में सफल नहीं होते हैं क्योंकि कर्म कटरा का जंगल घना है एवं आसपास के इलाकों में धान,

मक्का व गन्ना का जोरदार खेती होता है इसको खाकर आराम से दिन में हाथियों के दल जंगल में आराम करते है जैसे ही रात होता है वैसे ही हाथियों के दल गांव की ओर रुख करता है तथा घरों को तोड़ते है फसलों को नुकसान पहुंचाते है इस जंगल में डेरा जमा कर पिछले वर्ष हाथियों के दल ने दर्जनों लोगों का जान ले लिया है आसपास के गांव में हाथियों के आने से दहशत का माहौल है तथा आने जाने वाले राहगीरों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है जैसे ही हाथियों का झुंड कर्म कट्ठरा जंगल में घुसता है

जंगल कटाई अचानक से रुक जाता है हाथियों के आने से जंगलों में लोग जाना काम कर देते हैं जिससे हरे पेड़ों की कटाई रुक जाता है। फिलहाल हाथियों से बचने के लिए वन विभाग की टीम लगातार सतत निगरानी कर रही है गांव में लोगों को अलर्ट किया जा रहा है जंगल जाने के लिए पूरी तरह से मना किया गया है, मुनादी करा कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है की आने जाने वाले राहगीर हाथियों से मुठभेड़ न हो।

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