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रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने महादेव सट्टा एप का मामला सीबीआई को सौंपा है. महादेव सट्टा एप को लेकर कुल 70 केस दर्ज हैं. इन सारे प्रकरण सीबीआई को सौंपा गया है. इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. इसकी जानकारी डिप्टी सीएम और गृहमंत्री विजय शर्मा ने दी है.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा, 70 केस महादेव एप के संदर्भ में दर्ज थे. EOW में भी केस था. एक से बढ़कर अनेक प्रदेशों का ये मामला है. कुछ मुख्य आरोपी विदेश में भी है, ऐसी जानकारी है. सारे विषयों को देखते हुए सारे प्रकरण CBI को सौंप दिया गया है. अब CBI इस पर गंभीरता से जांच करेगी और कठोरता के साथ इस पर कार्रवाई होगी. विदेशों में भी जो लोग है उनको भी भारत लाया जाएगा. बता दें कि इस मामले में अब तक ईडी ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
ED करीब 16 महीने से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है. प्रदेश में कांग्रेस सरकार के दौरान ED ने आरोप लगाया था कि सिंडिकेट को संरक्षण देने वालों में उच्च पदस्थ राजनेता और नौकरशाह शामिल हैं. ED के अनुसार, इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपए की आय का अनुमान था. ED, EOW के अलावा महादेव ऐप केस में SEBI भी जांच कर रही है. ED की चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि महादेव सट्टा ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल और शुभम सोनी ने सट्टेबाजी की काली कमाई को सफेद करने शेयर मार्केट में 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. इसकी जांच भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) कर रही है.
अब तक ईडी ने 11 लोगों को किया है गिरफ्तार
महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने अब तक रायपुर की अदालत में तीन अभियोजन शिकायतें (चार्जशीट) दायर की है. इस मामले में ईडी ने राज्य में पहले भी कई छापे मारे हैं. ईडी ने पहले भी कहा है कि महादेव ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी ऐप में उसकी जांच में छत्तीसगढ़ के कई उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों की संलिप्तता सामने आई है. छत्तीसगढ़ से ऐप के दो मुख्य प्रमोटर सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल आते हैं. इस मामले में ईडी ने अब तक कुल 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
क्या है महादेव सट्टा ऐप ?
महादेव सट्टा ऐप सट्टे के लिए बनाया गया है. इस पर यूजर पोकर, कार्ड गेम, चांस गेम नाम के लाइव गेम खेलते हैं. ऐप के जरिए क्रिकेट, बैडमिंटन, टेनिस, फुटबॉल और चुनाव जैसे खेलों में भी अवैध सट्टा लगाया जाता है. अवैध सट्टे के नेटवर्क के जरिए ऐप का जाल तेजी से फैला. सबसे ज्यादा खाते छत्तीसगढ़ में खोले गए.