धौराभांठा जनसुनवाई में नियमों की अनदेखी, पर्यावरण स्वीकृति पर मंडराया संकट

जनसुनवाई पर सवाल खड़े
रायगढ़/तमनार। तमनार क्षेत्र के धौराभांठा में प्रस्तावित परियोजना की जनसुनवाई को लेकर अब गंभीर सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों ने आरोप लगाया है कि यह जनसुनवाई केंद्र सरकार की पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) अधिसूचना 14 सितंबर 2006 के नियमों के अनुरूप नहीं हुई।
ग्रामीण बोले—जनसुनवाई सिर्फ़ औपचारिकता
ग्रामीणों का कहना है कि जनसुनवाई को कागजी खानापूर्ति की तरह निपटा दिया गया। प्रक्रिया न तो पारदर्शी रही और न ही लोगों को अपनी बात रखने का खुला अवसर दिया गया।
सूचना प्रसार और EIA रिपोर्ट उपलब्ध नहीं
ग्रामीणों का आरोप है कि जनसुनवाई की सूचना सही तरीके से गांवों तक नहीं पहुंचाई गई। साथ ही EIA रिपोर्ट की प्रति भी लोगों को उपलब्ध नहीं कराई गई, जिससे पूरा पर्यावरणीय प्रभाव समझ पाना संभव नहीं हो सका।
प्रभावित किसानों और प्रतिनिधियों को बोलने नहीं दिया गया
कार्यक्रम स्थल पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी से ग्रामीणों में भय का माहौल बना रहा। कई प्रभावित महिलाएं, किसान और पंचायत प्रतिनिधि मंच तक नहीं पहुंच पाए। ग्रामीणों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की अवहेलना बताया।
विशेषज्ञों का मत—NGT में नहीं टिकेगी स्वीकृति
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जनसुनवाई की प्रक्रिया EIA 2006 के महत्वपूर्ण प्रावधानों का उल्लंघन करती है। उनका मानना है कि यदि यह मामला नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (NGT) पहुंचा, तो पर्यावरण स्वीकृति का निरस्त होना तय माना जा रहा है।
ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर
14 गांवों के ग्रामीणों ने कहा कि उनकी आवाज़ को दबा दिया गया। लोगों ने जनसुनवाई को “कंपनी और प्रशासन की औपचारिक रस्म” बताया और कहा कि वे अब NGT तक जाने की तैयारी कर रहे हैं।
प्रशासन पर बढ़ा अविश्वास
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जल स्रोतों, खेती, वनाधिकार, पर्यावरणीय क्षति और विस्थापन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई चर्चा ही नहीं हुई। इससे प्रशासन की नीयत को लेकर व्यापक अविश्वास पैदा हो गया है।
कानूनी रूप से चुनौती योग्य प्रक्रिया
धौराभांठा की जनसुनवाई न केवल EIA अधिसूचना 2006 का उल्लंघन बताई जा रही है, बल्कि यह जनता की सहभागिता के संवैधानिक अधिकार का भी हनन मानी जा रही है। कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार इस मामले में पर्यावरण स्वीकृति रद्द होने की संभावना बेहद मजबूत है।





