मामले में आखिर अब तक कार्यवाही क्यों नहीं हुई??
रायगढ़ । एक तरफ राज्य में नई भाजपा की सरकार बनते ही तमाम तरह के फर्जीवाड़ों को लेकर बड़ी कार्यवाहियों के दावे किए जा रहे थे। वही दूसरी तरफ रायगढ़ जिला मुख्यालय में एक बड़े जमीन फर्जीवाड़े को अंजाम दिया जा रहा था। इसका खुलासा तब हुआ था जब फर्जीवाड़े से जुड़े लोग संबंधित प्रोपर्टी को करोड़ो रुपयों में बेच दिया। जबकि विवादित भूमि तीन दर्जन अन्य लोगों को आबंटित हो चुकी थी।
इस मामले में दूसरे पीड़ित पक्ष को यही उम्मीद थी कि रायगढ़ विधायक इस मामले को गंभीरता से लेंगे और जिसके द्वारा फर्जीवाड़ा किया गया है उसे सलाखों के पीछे पहुचाने का नेक काम करेंगे लेकिन आज महीनों देखने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शायद यह मामला शांत होता प्रतीत हो रहा है।
यही वजह है कि छोटे अतरमुडा की इस जमीन फर्जीवाड़ा के मामले में आज तक कार्यवाही नही हुई है। आज महीनों बीतने के बाद भी केलो विहार की जमीन के फर्जी रजिस्ट्री के मामले में कुछ पटवारी और पूर्व तहसीलदार का नाम जमकर उछाला गया था लेकिन आज तक उस मामले में किसी भी प्रकार की कार्यवाही होती नही दिख रही है।
भाजपा सरकार हमेशा एक ही स्वर में यह कहते नही थकती है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी एवं कर्मचारियों को नही छोड़ा जाएगा और इस मामले में ऐसा नही की बिना अधिकारी के साठगांठ के जमीन का फर्जीवाड़ा हो ही नही सकता बहरहाल अब देखना यह है कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों को कब तक छूट मिलता ही रहेगा।
कुछ नेताओं के संलिप्त होने की बात सामने आ रही है लेकिन इस मामले कोई भी नेता खुलकर यह नही बोल पा रहा है कि में इस फर्जीवाड़े के खिलाफ हु । क्योंकि इस फर्जीवाड़े में दोनों पार्टी के नेताओं की संलिप्तता सामने आ रही है।
प्रथम व्यवहार नियधित वर्क क्रमांक. 1 रायगढ़ के व्यवहार वध क्रमांक 66 अ 2002 के तहत निर्णय में आवेदक बहादुर सिंह पिता जगमोहन सिंह का बाद खारिज क्रमांक 25-9-23 के निर्णय में किया गया था परंतु उक्त निर्णय के खिलाफ तहसीलदार ने अपने आदेश दिनांक 14-6-24 में छोटे अंतर्मुडा तहसील रायगढ़ खसरा नं.3 रखना 0.9920 है 2.46 हे. को राज्य बहादुर सिंह पिता जगमोहन सिंह के नाम पर भूमि स्वामी के हक में नामांतरण का आदेश पारित कर दिया।