सड़क सुरक्षा पर बड़ा सवाल—Lok Nirman Vibhag ने नगर पंचायत को जारी किया Tubular Light Notice

प्रतीक मल्लिक ✍️
अनियमित कार्य पर विभाग की सख्ती
धरमजयगढ़। शहर में अवैध रूप से ट्यूबलर लाइट लगाए जाने पर Lok Nirman Vibhag ने Tubular Light Notice जारी करते हुए नगर पंचायत को नियमों के पालन की सख्त चेतावनी दी है।
राज्य सरकार ने वर्ष 2024-25 में नगर को रोशन करने के लिए 1.50 करोड़ रुपये का बजट दिया था, परंतु ठेकेदार द्वारा एक वर्ष बाद भी कार्य में देरी और PWD Niyam Palan की अनदेखी सामने आई। विभाग ने पाया कि कई काम स्वीकृत एस्टीमेट के विपरीत कराए जा रहे हैं।
टेंडर प्रक्रिया पर उठे सवाल
नगर पंचायत ने दिसंबर 2024 में 70 लाख ऑनलाइन और 70 लाख ऑफलाइन टेंडर जारी किया था। यह टेंडर जांजगीर-चांपा व सूरजपुर के ठेकेदारों को मिला।
परंतु जांच में सामने आया कि Nagar Panchayat Dharamjaygarh ने एस्टीमेट और परिषद की पीआईसी स्वीकृति को नजरअंदाज कर मनमाने तरीके से कार्य शुरू करा दिया। यह मुद्दा अब Tubular Light Notice का प्रमुख कारण बना है।
बिना टेंडर लगे ट्यूबलर लाइट लगाने का आरोप
अंबेटिकरा गेट, वार्ड 3 से वार्ड 2 शाहपुर कॉलोनी तक ट्यूबलर लाइट लगाने के लिए 13.60 लाख का टेंडर जारी किया गया था, परंतु शिकायत है कि ठेकेदार ने इस स्थल पर बिना टेंडर प्रक्रिया का पालन किए ट्यूबलर पोल लगा दिया।
परिषद उपाध्यक्ष सहित कई सदस्यों ने इस पर कड़ा विरोध जताया। उनका आरोप है कि वार्ड 08, 09 और 10 में लगने वाली लाइट को हटाकर वार्ड 02 में शिफ्ट किया जा रहा है।
PWD ने गड्ढा खुदाई में अनियमितता पाई
ठेकेदार द्वारा सड़क के शोल्डर पर फाउंडेशन गड्ढा बनाने में भी अनियमितताएं पाई गईं। शिकायत मिलने पर विभाग ने दोबारा साइट निरीक्षण कर गड्ढे को नियमों के विपरीत बताया।
इसके बाद Lok Nirman Vibhag ने सीएमओ, नगर पंचायत और संबंधित अधिकारियों को Tubular Light Notice जारी कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया।

सड़क चौड़ीकरण पर पड़ेगा भारी असर
PWD के अनुसार सड़क के दोनों ओर 60–60 फीट भूमि शासकीय है, और प्रस्तावित सड़क चौड़ीकरण योजना शासन के अंतिम अनुमोदन की प्रतीक्षा में है।
ऐसे में सड़क से सटाकर ट्यूबलर पोल लगाने पर भविष्य में नाली निर्माण, साइन बोर्ड स्थापना और चौड़ीकरण कार्य पूरी तरह बाधित होगा। विभाग ने चेताया है कि गलत स्थान पर लगाए गए पोलों को भविष्य में नगर पंचायत को स्वयं हटाना पड़ेगा, जिससे अतिरिक्त सरकारी राशि व्यर्थ जाएगी।
जनता के विकास के पैसे पर पड़ सकता है बोझ
विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि वर्तमान में लगाए जा रहे पोल हटाए जाते हैं, तो यह लागत नगर पंचायत को ही वहन करनी होगी। इससे जनता के विकास के लिए भेजी गई राशि अनुभवहीन कार्यप्रणाली के कारण बर्बाद हो सकती है।
विभाग ने नगर पंचायत से सभी कार्यों को PWD Niyam Palan के अनुसार दोबारा व्यवस्थित करने का निर्देश दिया है।





