छत्तीसगढ़

प्रसव के उपरांत हुए बच्चे की टीका लगने के बाद हुई मौत परिजनों ने लगाया लापरवाही का आरोप ?

स्वास्थ्य मंत्री के संभाग में नहीं थम रही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व जिला चिकित्सालय के अंदर लापरवाही का आलम।

परिजनों ने लगाया समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र भैयाथान पर लापरवाही का आरोप दो दिन के नौजात शिशु की हुई मृत्यु।

सूरजपुर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने दिया जांच का आदेश।

कौशलेन्द्र यादव@सूरजपुर। भाजपा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री के संभाग के जिलों में स्वास्थ्य व्यवस्था पटरी से उतरी हुई है हर दिन अलग-अलग मामले देखने को मिलते हैं पर वहीं स्वास्थ्य मंत्री इन पर संज्ञान लेने की बजाय सिर्फ ट्रांसफर पोस्टिंग पर ही संज्ञान लिए बैठे हैं, एक बार फिर सूरजपुर जिले के भैयाथान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लापरवाही का आरोप परिजनों ने लगाया है प्रसव के बाद हुए बच्चे की 2 दिन के भीतर ही मौत हो गई जिसके लिए परिजनों ने कलेक्टर को शिकायत कर जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्यवाही करने की बात कही है।

संजूला कुशवाहा पति राम नरेश कुशवाहा ने शिकायत में बताया कि डीलेबरी के लिए दिनांक 26 जुलाई को रात में ग्यारह बजे के 50 मिनट पर समुदाय स्वास्थ केंद्र भैयाथान में लेकर गए जिसके बाद 27 जुलाई को रात एक बजकर 5 मिनट में बच्चा हुआ जो की स्वस्थ था बच्चे को 1 टीका लगाने के बाद उनकी मां को बच्चे को दिया गया।

फिर दिन में बच्चे को 6 बजे 2 टीका और लगा और फिर उसको बहुत ज्यादा बुखार आ गया था फिर बच्चे की नानी डॉक्टर एवं नर्स को बताए की बच्चा रो रहा है आप लोग चल कर देखिए तो डॉक्टर बिना देखे 2 सिरप लिख दिए बोले की जाओ बाहर से ले लाना यहां नही मिलेगा बाहर से सिरप लाए और डॉक्टर एवं नर्स को दिखाए डॉक्टर बोले 6 बूंद पीला देना सिरप का दक्कन नही खुलने पर नर्स के पास गए की खोल दीजिए नर्स बोली तुमसे नही खुला तो मेरे से क्या खुलेगा फिर परिजन खुद ही खोले फिर पिलाए और रात भर तेज बुखार था और बच्चा रो रहा था बच्चे के नानी के बोलने के बाद भी डॉक्टर, नर्स कोई देखने तक नही गए की क्यू बुखार आया है क्यू रो रहा है

और सुबह लगभग 7 बजे फिर से उन्हीं डॉक्टर और नर्स को फिर से जाकर बताया गया कि अभी तक बुखार नहीं उतरा है एक बार आकर देख लिजिए तो नर्स बोली दवाई दिखाने पर बोली कि यह ठीक हो जाएगी और सुबह भी किसी ने जाकर नहीं देखा फिर रात भर रोने के वजह से बच्चे का गला बैठ गया था वह ठीक से दूध नहीं पी पा रहा था कुछ टाइम तक गोदी में खेलाए फिर सुला दिया फिर जब सुबह डॉक्टर का शिफ्ट चेंज हुआ तो डॉक्टर देखने गए तो बोले की ये मर चुका है फिर सूरजपुर से डॉक्टर आए उन्होंने देखा तो परिजनों से पूछा की कुछ काटा है क्या क्योंकि बच्चे का शरीर पूरा गला नीला और पूरा शरीर काला पड़ गया था बच्चे के परिजनों ने बोला हम दिन रात इसके साथ है कुछ आया ही नहीं है तो क्या कटेगा। हॉस्पिटल वालो से पूछने पर बच्चे को बिना देखे बोलते है की बच्चे की मां गलत तरीके से दूध पिला दी होगी और फेफडा में चला गया होगा इस लिए बच्चे का मृत्यु हो गया होगा जबकि उनका दूसरा बच्चा था ।

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