छत्तीसगढ़

खरसिया के राधे रेडियम कटिंग, बैनर, फ्लैक्स शॉप में धूमधाम से मनाई गई गुरु घासीदास बाबाजी की जयंती

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राकेश नारायण बंजारे रहे प्रमुख वक्ता, जैतखाम एवं मनखे-मनखे एक समान के संदेश पर रखे सारगर्भित विचार

खरसिया | छत्तीसगढ़ के महान मानवतावादी, सत्य, अहिंसा एवं समानता के अमर संदेशवाहक संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबाजी की पावन जयंती खरसिया नगर स्थित राधे पेंटर (रेडियम कटिंग, फ्लैक्स, बैनर) शॉप में श्रद्धा, आस्था और उत्साह के साथ मनाई गई। यह कार्यक्रम पेंटर राधेलाल बघेल के सौजन्य से आयोजित किया गया जिसमें सतनाम पंथ के अनुयायी, संत समाज एवं नगर के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। 

कार्यक्रम की शुरुआत गुरु वंदना एवं आरती से हुई जहाँ उपस्थितजनों ने गुरु बाबाजी के चरणों में नमन किया। आरती के पश्चात केक काटकर जयंती की खुशियाँ मनाई गईं तथा सभी को मिठाई खिलाई गई। “जय सतनाम” एवं “गुरु घासीदास बाबाजी की जय” के जयघोष से संपूर्ण वातावरण सतनाममय हो गया।

एक-दूसरे को बधाई देते हुए समाज में एकता एवं सद्भाव का संदेश प्रसारित किया गया।
कार्यक्रम में प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज के प्रदेश प्रवक्ता (साहित्य प्रकोष्ठ) राकेश नारायण बंजारे प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में जैतखाम के ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास बाबाजी के अमर संदेश आज के समय में भी उतने ही प्रासंगिक हैं जो समाज में मानवता, सामाजिक समरसता एवं न्याय के मार्ग को सुदृढ़ करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि गुरु बाबाजी का जीवन त्याग, तपस्या, करुणा एवं सत्य की अनुपम मिसाल है। उनके विचार आज भी समाज को सही दिशा दिखाने वाले प्रकाश-स्तंभ के रूप में कार्य कर रहे हैं और सदैव मानवता का मार्ग प्रशस्त करते रहेंगे। वक्ता ने समाजजनों से आह्वान किया कि गुरु बाबाजी के आदर्शों को अपने जीवन में उतारकर प्रेम, भाईचारे एवं समानता पर आधारित समाज के निर्माण का संकल्प लें।

कार्यक्रम में पेंटर राधेलाल बघेल, सचिव नरेंद्र कुर्रे, अनिल कुर्रे (पूर्व अध्यक्ष, ग्राम तेलीकोट, सतनामी समाज), गणेश बघेल, चेतन जांगड़े, इंदल गोरे, महेश राठौर, कोसले जी, त्रिलोक बघेल सहित संत समाज के अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभी ने गुरु घासीदास बाबाजी के विचारों एवं संदेशों पर अपने-अपने विचार साझा किए तथा समाज में एकता, सद्भाव एवं जागरूकता बनाए रखने का संकल्प व्यक्त किया।

अंत में गुरु बाबाजी के जयकारों के साथ प्रसाद वितरण कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

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