झारखंड

शराब के साथ मशरूम खाना जानलेवा हो सकता है- डा नंदिनी

Advertisement
Advertisement
Advertisement

जंगली मशरूम (छातू) से पटा कोल्हान, जंगली मशरूम बेचकर जीविका चला रही है आदिवासी महिलाएं

चक्रधरपुर। बारिश का मौसम आते ही अंचल में मशरूमों (छातू ) की बाहर आ गई है। मौजूदा समय में चाहे बाजार हो या सड़क आपको जगह जगह विभिन्न प्रकार के मशरूम बेचते महिला और पुरुष दिखाई देंगे। चक्रधरपुर से चाईबासा, मनोहरपुर इत्यादि कोल्हान के हर क्षेत्र में मशरूम बड़ी मात्रा में बेची गई जा रही हैं। इस दिनों जहां बाजार में पुआल छातू सुदूरवर्ती अंचल में जंगली मशरुमों की बिक्री की जा रही है। चक्रधरपुर चाईबासा एन एच 75 के दोनों छोरों पर पर सैकड़ो लोग जंगली मशरूम बेचते दिखाई देंगे। सुदूरवर्ती ग्रामीण महिलाएं जंगली मशरूम बेचकर अपनी जीविका चला रही है।

हालांकि मशरूम कई प्रकार के होते हैं। कभी कभी मशरूम खाकर बीमार होकर अस्पताल में इलाज जैसी घटनाएं भी सामने आया है। * शराब के साथ मशरूम खाने से लोगों की जान भी जा सकती है- डॉ नंदिनी रेलवे अस्पताल की डॉ नंदिनी संड ने कहा मशरूम को सुपर फूड के कैटेगरी में रखा जाता है।

ये हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाद्य पदार्थ है। इसमें प्रोटीन, डाइट्री फाइबर,फास्फोरस,सेलिनियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ये सभी पोषक तत्व हमारे लिए फायदेमंद है। हमारे देश में मशरूम के लगभग 2 हजार प्रजातियां है जिमें कुछ प्रजरियों के ही सेवन किया जाता है। अगर मशरूम जहरीला निकला तो यह बहुत खतरनाक है। कुछ मशरूम ऐसे है जिसका सेवन से व्यक्ति का जान भी जा सकती है। अकसर लोग सामान्य मशरूम और जंगली मशरूम के फर्क को नहीं समझ पाते हैं। इसलिए जहरीला मशरूम खा लेते है। कुछ मशरूम ऐसे हैं जिनका असर लीवर और किडनी पर होता है।

मशरूम खाकर कभी कभी मरीज देर से अस्पताल पहुंचते है ओर दवा लेने के बाबजूद नहीं बचते है। जंगल में पाए जाने वाले मशरूम में कई प्रकार के खतरे होते हैं। जीव जंतुओं k बिल के संपर्क में आने वाले मशरूम लोगों के प्राण में संकट डाल सकते है। उन्होंने कहा की कुछ माह पहले राजवर परिवार के चार सदस्य मशरूम पॉयजनिंग का शिकार होकर रेलवे अस्पताल पहुंचे थे। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। * मशरूम पायजनिंग के लक्षण मशरूम जहरीला तब होता है जब उसमे टॉक्सिन होता है। पेट दर्द, उल्टी दस्त, मल में खून इसके प्रारंभिक लक्षण है ।

अगर मशरूम खाने में 30 मिनट के भीतर अत्यधिक लार,आंसू या पसीना आए तो तुरंत डॉ से संपर्क करना चाहिए अन्यथा ब्लड प्रेशर में कमी या सांस लेने में कठिनाइयां हो सकती है। कुछ कुछ मशरूम के टॉक्सिन का असर शरीर में तुरंत नही होता है । 4/5 दिनों के बाद इसका असर धीरे धीरे दिखाई देता है। कभी कभी रंग रूप सामान होने के कारण इसे पहचानने में भूल हो जाती है। मशरूम से होने वाली ज्यादा मौत एमानिटिन की वजह से होती है। * ध्यान देने वाली बातें शराब के साथ मशरूम खाना खतरनाक है। सात वर्ष से छोटे बच्चों को मशरूम नही खिलाना चाहिए , क्योंकि उनके भीतर मशरूम को पचाने की क्षमता नहीं होती है। मशरूम को पोलीथीन में रखना भी हानिकारक साबित हो सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button