छत्तीसगढ़

धौराभाँठा जिंदल  के जनसुनवाई को अमान्य घोषित करने की मांग: किसान सभा ने राष्ट्रपति व राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन

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छत्तीसगढ़ किसान सभा, अखिल भारतीय किसान सभा से संबद्ध, जिला रायगढ़ ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया नई दिल्ली एवं महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ के नाम कलेक्टर रायगढ़ के माध्यम से एक महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपा है।

ज्ञापन में 08 दिसंबर 2025 को धौराभाँठा, तहसील तमनार में आयोजित जिंदल पावर के कोल माइंस के जनसुनवाई को अमान्य घोषित कर तत्काल निरस्त किए जाने की मांग प्रमुख रूप से उठाई गई है।

किसान सभा ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि धौराभाँठा में आयोजित जनसुनवाई पूरी तरह से अवैध, अपारदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत थी। संगठन ने कहा कि जिस प्रकार स्थानीय आदिवासी, किसान एवं मजदूरों को अपने सुझाव, विचार तथा आपत्तियाँ रखने से बलपूर्वक रोका गया, वह न केवल संविधान प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है बल्कि क्षेत्र की जनता के साथ गंभीर विश्वासघात भी है।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि जनसुनवाई को गुपचुप, गैर-पारदर्शी तरीके से आयोजित किया गया, जबकि संबंधित क्षेत्र पेसा कानून के चौथे अनुसूची क्षेत्र (4th Schedule / अनुसूचित क्षेत्र) में आता है। ऐसे क्षेत्रों में ग्रामसभा की अनुमति, पारदर्शिता और स्थानीय जनभागीदारी सर्वोपरि होती है, परंतु प्रशासन ने इन सभी नियमों की स्पष्ट रूप से अवहेलना की।

किसान सभा ने कहा कि जनसुनवाई में आम जनता की भागीदारी सुनिश्चित करना प्रशासन का दायित्व है, लेकिन 08 दिसंबर को आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय लोगों को न केवल रोका गया, बल्कि किसी भी प्रकार की आपत्ति दर्ज कराने का अवसर भी नहीं दिया गया। यह लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का खुला उल्लंघन है।

अतः छत्तीसगढ़ किसान सभा ने मांग की है कि धौराभाँठा जनसुनवाई को तत्काल प्रभाव से अमान्य घोषित कर निरस्त किया जाए, जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका की जांच की जाए तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाएँ।

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