छत्तीसगढ़

पशु क्रूरता अधिनियम का असर कुड़कई के बकरी बाजार में नहीं, ठेकेदार और वाहन मालिक उड़ाते रहे नियमों की धज्जियां

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जिले में जहां गर्मी में पशुओं को राहत देने के लिए कलेक्टर द्वारा दोपहर 12 से 3 बजे तक सवारी और भार ढोने पर प्रतिबंध लगाया गया है तथा कहा गया है कि पशुओं के साथ अत्याचार करने पर पशु अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाएगी परंतु जिला प्रशासन का यह निर्देश पेंड्रा विकासखंड के कुड़कई दुबटिया स्थित बकरी बाजार में लागू नहीं किया जा रहा है।यहां 24 अप्रैल गुरुवार को साप्ताहिक बकरी बाजार में ठेकेदार एवं वाहन मालिकों द्वारा नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए छोटा हाथी एवं पिकअप जैसे वाहनों में बकरियों को ठूंस ठूंस कर दूसरे नगरों में भेजा जाता रहा। इसके अलावा बस के दिक्कियों में भी बकरियों को हमेशा की तरह आज भी ले जाया गया।उल्लेखनीय है कि गर्म हवाओं और तीव्र तापमान को देखते हुए जिले के पशुओं को राहत देने की दिशा में एक सराहनीय कदम उठाया गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती लीना कमलेश मंडावी ने मानवीय संवेदनशीलता का परिचय देते हुए 21 अप्रैल से 30 जून 2025 तक दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक भारवाहक और सवारी कार्य में लगे पशुओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।यह निर्णय उस समय लिया गया है जब जिले में तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहने की संभावना जताई जा रही है। इस भीषण गर्मी के दौरान पशुओं पर अत्यधिक भार डालने से उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, यहां तक कि उनकी मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में कलेक्टर श्रीमती मंडावी का यह निर्णय पशु कल्याण और दयालु प्रशासन का प्रतीक बनकर सामने आया है।जारी आदेश के अनुसार, परिवहन तथा कृषि पशुओं पर क्रूरता निवारण नियम 6(3) के तहत जिले की सीमा के भीतर सभी पशुचालित भारवाहन और सवारी साधनों पर दोपहर 12 से 3 बजे तक पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी परंतु यहां कुडंकई साप्ताहिक बकरी बाजार में पशुओं पर हो रहे हैं अत्याचार को कोई भी देखने वाला नहीं है और बाहर के व्यापारियों द्वारा बकरी खरीद कर उन्हें दिन भर छोटे-बड़े वाहनों में भरकर महानगरों की ओर ले जाया गया।

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