Naxal Virodh Abhiyan : नारायणपुर पुलिस ने ओरछा–आदेर मार्ग से बेदरे बॉर्डर “लंका” तक बनाई सड़क कनेक्टिविटी, 30 से अधिक गाँव होंगे सरकारी योजनाओं से लाभान्वित

Mada Bachao : अभियान के तहत लंका में नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप
नारायणपुर पुलिस ने Naxal Virodh Abhiyan को गति देते हुए थाना ओरछा क्षेत्रांतर्गत ग्राम लंका में नवीन सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप की स्थापना की है। यह पूरा क्षेत्र Mada Bachao अभियान का प्रमुख हिस्सा रहा है, जहाँ अब सुरक्षा और विकास गतिविधियों को व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है।

Lanka Camp : अबूझमाड़ में पुलिस की रणनीतिक मौजूदगी मजबूत
बेदरे (जिला बीजापुर) की सीमा और इंद्रावती नदी के किनारे बसे लंका गांव में नया Lanka Camp स्थापित होने से पुलिस की रणनीतिक पकड़ मजबूत हुई है। यह इलाका लंबे समय तक माओवादियों का सक्रिय क्षेत्र रहा, जहाँ अब सुरक्षा बलों की स्थायी मौजूदगी ग्रामीणों के लिए आश्वासन का नया स्रोत बनी है।
Road Connectivity : 130 किमी भीतरी मार्ग पर पुलिस ने खोला रास्ता
नारायणपुर मुख्यालय से 130 किलोमीटर दूर लंका तक पहुंचने वाला मार्ग अब पुलिस सुरक्षा में संचालित होगा। ओरछा से 65 किमी, आदेर से 36 किमी, कुड़मेल से 21 किमी और अन्य गांवों के बीच बनी यह Road Connectivity अब अंदरूनी इलाकों में आवाजाही, विकास कार्य और सुरक्षा अभियानों को सुविधाजनक बनाएगी।
Narayanpur Police : ग्रामीण इलाकों तक पहुंचेंगी सभी मूलभूत सुविधाएँ
नया कैंप स्थापित होने से लंका, अंगमेटा, कुमरमेटा, पुसलंका, बुरी, जपमरका सहित 30 से अधिक गांवों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएँ, पुल-पुलिया निर्माण और मोबाइल नेटवर्क जैसी सुविधाओं का विस्तार तेज़ गति से होगा। Narayanpur Police के अनुसार यह पहल ग्रामीणों के जीवन स्तर को तेजी से बदलने वाली होगी।
Naxal Virodh Abhiyan : वर्ष 2025 में कई महत्वपूर्ण कैंप स्थापित
वर्ष 2025 में नारायणपुर पुलिस ने कुतुल, कोडलियर, बेडमाकोटी, पदमकोट, कान्दुलपार, नेलांगूर, पांगूड, रायनार, एडजुम, ईदवाया, आदेर, कुड़मेल, कोंगे, सितरम, जाटलूर, धोबे, डोडीमरका, पदमेटा और लंका सहित कई माओवादी आश्रयस्थलों में कैंप सफलतापूर्वक स्थापित किए हैं।
Mada Bachao : वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में बड़ी सफलता
इस प्रमुख अभियान में पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज पी. सुंदराज, पुलिस उप महानिरीक्षक अमित कांबले, पुलिस अधीक्षक नारायणपुर रोबिनसन गुरिया समेत आईटीबीपी 44वीं बटालियन और डीआरजी की टीमों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। सभी इकाइयों के संयुक्त प्रयासों से यह कैंप सुचारू रूप से स्थापित हो सका।





