छत्तीसगढ़

मासिक धर्म बीमारी नहीं एक प्राकृतिक परिघटना है इससे डरना या घबराना नहीं चाहिए – डा बंका,       

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सर्वो ने किया मेंसट्रीयल हाईजिन के बारे जागरूकता कार्यक्रम दस्तक का आयोजन

चक्रधरपुर। मेंसट्रीयल हाईजिन बीमारी नहीं एक प्राकृतिक परिघटना है। यह बात दक्षिण पूर्व रेलवे अस्पताल चक्रधरपुर के प्रसूति विशेषज्ञ डा प्रणिता बंका ने कहा। आज वे दक्षिण पूर्व रेलवे वूमेंस वेलफेयर ऑर्गनेशन (सर्वों) के तत्वाधान में किशोरी स्वास्थ्य (मासिक धर्म) संबंधी जागरूकता कार्यक्रम दस्तक में बतौर मुख्य अतिथि बोल रही थी।

ऑफिसर्स क्लब ऑडिटोरियम में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सर्वो की अध्यक्षा लैला राठौर ने किया। डॉ बंका ने उपस्थित रेलवे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय (इंग्लिश मीडियम ) चक्रधरपुर की लगभग डेढ़ सौ एवं एनसीसी के 25 केडेट सहित महिला अविभावकों को संबोधित करते हुए कहा की मासिक धर्म (मेंसट्रीयल हाईजिन) एक प्राकृतिक परिघटना है। इससे डरना या घबराना नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा की मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं है। यह किशोरियों के वयस्क होने के संकेत है। लगभग 6, 7 कक्षा तक पहुंचने पर प्रत्येक लड़कियों में होने वालें इस प्राकृतिक परिघटना को गलतफहमी में न लें। उन्होंने कहा की मासिक धर्म होना प्रत्येक किशोरी ,युवती और महिलाओं के अच्छे स्वस्थ होने के संकेत को दर्शाता है। पीरियड के दौरान हमें कुछ सावधानी बरतनी चाहिए।

उन्होंने कहा की इसे धर्म बीमारी से जोड़कर किशोरियों को गुमराह या उन्हें तनाव देने का प्रयास न करें। उन्होंने उपस्थित महिलाओं से आग्रह किया है मेंसट्रियल हाईजिन को लेकर न तनाव लें और न इसके कारण आप अपने लक्ष्य या सपनों से दूर हटें । उन्होंने महिलाओं के शारीरिक परिवर्तन के गुणों पर प्रकाश डालते हुए महिलाओं से कहा की पीरियड के दौरान कुछ सावधानी बरतकर इसे सहज किया जा सकता है। पीरियड के दौरान आप अपना  साधारण दिनचर्या को ही अपनाएं। इसे धर्म या छुआ छूत से न जोड़ें ।

उन्होंने किशोरियों को पीरियड के दौरान सेनिटिंग पेड का ही उपयोग करने सलाह दिया।  उन्होंने इस दौरान कपड़े का इस्तेमाल से बचने की भी हिदायत दी । उन्होंने कहा की इसकी जागरूकता के लिए सरकार की ओर से राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का आयोजन कर महिलाओं को मेंसट्रीयल हाईजिन के बारे में जागरूक किया जा रहा है। डा बांका ने पीरियड के दौरान महिलाओं को कुछ सुझाव साझा करते हुए कहा की प्रत्येक महिला को चार पांच घंटे में सैनिटरी पैड को बदलना चाहिए ।

शौचालय को साफ सुथरा रखे, साफ सफाई में ध्यान देकर इसे सहज बनाया जा सकता है। इस अवसर पर डा माधवी लता ने भी उपस्थित महिलाओं को मासिक धर्म के बारे मे जागरूक करते हुए कहा की मासिक धर्म के दौरान शरीर में कुछ सामान्य परिवर्तन आता है इसे गंभीरता से  न लेकर सावधानी बरतनी चाहिए। पीरियड के दौरान कुछ ज्यादा तकलीफ होने पर डॉ से परामर्श लेने की बात कही।

सर्बो की सदस्या ज्योति श्रीवास्तव के मंच संचालन में आयोजित कार्यक्रम में सर्वो की अध्यक्षा लैला राठौर, लोपामुद्रा मिश्रा,दिव्या मंडल, सचिव भारती मीना, कोषाध्यक्ष मोनिका गुप्ता, प्रिया,नेहा,  ज्योति सहित रेलवे इंग्लिश मीडियम स्कूल कैंपस 2 के प्रिनिसिपल जयराम प्रसाद ,।लीना रथ, धनपति नायक, शशि, बागे मेम, विजय कुमार गोपाल पाठक सहित लगभग डेढ़ सौ छात्राएं एनसीसी  कैडेट और महिला अभिभावक उपस्थित हुए।

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