
धरमजयगढ़ :- बांग्लादेश व पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित बंगाली विस्थापितो को रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ तहसील में 1960 से 1980 के दशक में बसाया गया था। उनके जीवन यापन के लिए पूर्वी पाकिस्तान से आने परिवार को 7 एकड़ तथा बांग्लादेश से आए विस्थापित परिवार को 5 एकड़ भूमि प्रदान किया गया था। विस्थापित परिवार का R.R.No. शासन के अभिलेख मे दर्ज है।
बंगाली विस्थापित ग्राम धरमजयगढ़ कॉलोनी, बायसी कॉलोनी तथा सागरपुर कॉलोनी में कुल 642 खातेदार / विस्थापित परिवार है राज्य शासन को आदेशानुसार इन्हें प्राप्त शासकीय भूमि का 2016-17 में भूमि स्वामी प्रदान किया गया था।कुछ परिवार के R.R.No न होने के बावजूद पटवारी से मिल-जुल कर अभिलेख में काट-पीट कर अपने नाम शासकीय भूमि को निजी भूमि हक पट्टा बनवा लिया है।
आवेदक द्वारा सितंबर 2025 में जिला अध्यक्ष रायगढ़ को समस्त दस्तावेज सम्मिलित कर अनावेदक तथा उनकी पत्नी एवम पुत्र के नाम से आवैधानिक तरीके से पट्टा लेने की शिकायत कर पट्टा निरस्त करने की मांग किया है। जिलाअध्यक्ष द्वारा उपरोक्त मामला को गंभीरता से लेते हुए तहसीलदार धर्मजयगढ़ ने आवश्यक कार्यवाही करने निर्देशित किया है।
तहसीलदार महोदय द्वारा मामला की गंभीरता लेते हुए नोटिस भेजो 3 नवंबर को तहसील कार्यालय में फर्जी लोगों को जवाब पेश करने दिया था परन्तु अनावेदक द्वारा जवाब पेश करने का समय मांगा है मामला न्यालय तहसील में विचाराधीन हैं
चुकि क्षेत्र S.E.C.L.का हैं और जल्द कोयला खदान खुलने वाला है। फर्जी तरीके से प्राप्त लोगों का पट्टा निरस्त नहीं होने पर भूमि का मुआवजा शासन को न जाकर इन्हें अवैधानिक तरीके से प्राप्त पट्टा पा लेने को जावेगा जिससे शासन को करोड़ों का नुकसान होगा।





