छत्तीसगढ़

सूरजपुर में इन दिनों स्वास्थ्य सुविधाओं का बुरा हाल है

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लगातार मरीजों को खाट पर लेकर जाने की तस्वीर एक के बाद एक करके सामने आ रही है सड़क और पुल के अभाव में  एम्बुलेंस मरीज तक नही पहुँच पा रहा है जिसकी वजह से गांव के लोग खुद मरीज को खाट पर उठाकर कई किलोमीटर पैदल सफर तय कर रहे है ,,,
सड़क पानी और बिजली एक मूलभूत सुविधा है और यह सुविधाऐं किसी भी क्षेत्र के विकास में सहायक होती है लेकिन सूरजपुर में जिला बनने के एक दशक बाद भी यहां के क्षेत्रों का विकास नही हो सका है जिसकी वजह से यहाँ के लोग आज भी पाषाण युग की भांति जीवन जीने को मजबूर है ,,,,यह दोनो तस्वीरें अलग अलग जगहों की है जिसमें आप देख सकते है कि किस तरह लोग मरीज को कंधे पर उठाकर चल रहे है,,,

एक तस्वीर प्रतापपुर के बोंगा की स्थिति को दर्शा रही है तो वहीं दूसरी तस्वीर बिहारपुर के सपहा गांव की है जहाँ आज तक सड़क नही पहुँच पाई है । प्रतापपुर के बोंगा रास्ते में नाले पर आज तक पुल नही बन पाया है जिसकी वजह से जब भी इस क्षेत्र में लोग बीमार होते है उनको इस तरह ही उठाकर पैदल ले जाना पड़ता है ,,,

क्योकि जहां तक सड़क बनी है वह यहां से करीब 2 से 3 किलोमीटर है ऐसे में सुविधाओं के अभाव में ग्रामीणों को यह सफर पैदल ही तय करना पड़ता है,,,वहीं बिहारपुर के सपहा स्थिति भी ऐसी ही है जहां की रहने वाली फूलमती की तबियत जब बिगड़ी और वह बेहोश हो गई तो सड़क के अभाव में ग्रामीणों ने कांवर बना कर दो किलोमीटर दूर खड़ी एम्बुलेंस तक मरीज को पहुँचाया तब कहीं जाकर मरीज का उपचार हो सका ।

वहीं क्षेत्र के जनप्रतिनिधी भी इन समस्याओं के सुधार के लिए प्रशासन से मांग कर रहे तो वहीं कांग्रेसी नेता सरकार पर आरोप लगाते हुऐ कई सवाल करते नजर आ रहे हैं,,,ऐसी तस्वीरें जहां प्रशासनिक दावों की पोल खोल रही है वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी का कहना है

कि दोनों मामलों में एम्बुलेंस समय पर पहुँच गई थी लेकिन रास्ता नही होने के कारण ऐसी स्थिति निर्मित हुई है ,,,वहीं ऐसे इलाको में कैम्प के माध्यम से लोगो को उपचार लाभ दिए जाने के वह दावे करते नज़र आये ।

कई सरकारें आई और चली गई लेकिन इन क्षेत्रों का विकास आज तक नहीं हो पाया धरातल पर भले ही  प्रशासन विकास के लाख दावे करें मगर ऐसी तस्वीरें जमीनी स्तर की सच्चाई बयां करती है,,,

विशेषकर ऐसी जगहों के लिए बाइक एम्बुलेंस की भी सुविधा जरूर शुरू की गई थी लेकिन वक्त के साथ वह एंबुलेंस भी अब देखने को नही मिल रही है आज जरूरत है ऐसे क्षेत्रों के विकास के लिए अलग से योजनाए बनाने की जिनसे यहाँ पर रहने वाले ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाओं का लाभ मिल सके और अंतिम छोर के व्यक्ति  का विकास संभव हो सके ।

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