छत्तीसगढ़

सुरक्षा की जगह समझाइश दिए जाने का मामला

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धर्मजयगढ़ थाना क्षेत्र में 112 पुलिस सेवा ने पीड़ित ट्रक ड्राइवर

रायगढ़ । जिले की धर्मजयगढ़ पुलिस में भी इन दिनों सेवा सुरक्षा समर्पण के अलावा भी और कुछ हो रहा है। जो स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

इस क्रम में बीती रात हाटी के पास खड़गाव गांव में मुख्य मार्ग पर एक ट्रेलर ड्राइवर जो मनमोहन ट्रांसपोर्ट की गाड़ी Nl o1 N 4809 ko चला रहा था।


देर रात करीब 10 से 10.30 बजे के बीच यामाहा की R 1 5 बाइक में सवार हथियार बंद तीन युवक आए उन्होंने ट्रेलर का पीछा करते हुए सामने अपनी  बाइक लगाकर टेलर ड्राइवर को रोक लिया। फिर उसे बाहर खींच कर निकाला और पहले तो ड्राइवर के सर पर रॉड से मारा जिसके वह लहुलुहान हो गया। ड्राइवर के बताए अनुसार उन्होंने उसके वाहन की चाभी छीनी और चाकू की नोंक पर उसके पास रखी रकम 6/7 हजार रु नगदी लूट लिए।



पीड़ित ड्राइवर पास के एक ढाबे में शरण लेने गया और वहीं से पुलिस सेवा 112 का नंबर डायलकर उन्हें अपनी आप बीती बिताई और अविलंब मदद मांगी जिस पर 112 में सेवारत पुलिस कर्मियों ने उसे मदद करने के बजाय चमकाना शुरू कर दिया। मसलन तुम रात को वहां क्यों रुके हम रात में वहां आकर तुम्हारे साथ लूटपाट करने वालो को खोजे यही हमारा काम है। एक काम रखना था तुम्हे लुटेरों के ऊपर गाड़ी चढ़ा देना था। ड्राइवर ने कहा ऐसा करने पर मेरे ऊपर केश बन जाता मेरा परिवार संकट में आ जाता। इस पर 7611103581से काल में बात करने वाले कथित पुलिस कर्मी ने कहा लूटपाट के बीच तुमको कुछ हो जाता तब परिवार को कुछ नहीं होता। तुम एक कम करो सुबह थाना आकर रिपोर्ट करो। वहीं कुछ होगा।

इधर पीड़ित ड्राइवर ने बताया कि फोन करने के करीब 1/2 घंटे बाद 112 के पुलिस कर्मी घटना स्थल पर आए उन्होंने स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस cg 12 bs 6879 लुटेरे आए थे वो दूर खेत में पड़ी हुई थी। घायल लुटेरों को गांव ने पकड़ रखा था और बाइक पुलिस को सौंप दी थी। जिन्हें कथित तौर पर पुलिस वालों ने जाने का मौका दिया। लेकिन किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की।

स्थानीय लोगों ने यह भी बताया कि अभी कुछ दिनों पहले ही मछली व्यापारियों से भी इसी जगह लुट की एसी ही घटना घटी थी,जिस पर पुलिस कर्मियों ने कोई कार्यवाही नहीं की थी।
वहीं घायल ट्रेलर ड्राइवर को इस बात का अफसोस है कि धर्मजयगढ़ पुलिस से उसे समय पर किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली।

इन परिस्थितियों में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिले के सुदूर क्षेत्रों में 112 पुलिस सेवा क्या सही मायनों में जनता की सुरक्षा में काम कर रही है या नहीं।।

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