रायगढ़

वोट_चोर मामले में सत्ता पक्ष से ज्यादा दल बदलू परेशान मेदिनी नेगी कांग्रेस नेता

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पूरे देश से उठ रही मांग ने सत्ता पक्ष की चूलें हिला दी हैं.अब अंतिम विदाई की बेला नजदीक है.

रायगढ़ । बीते मंगलवार जिला मुख्यालय रायगढ़ में कांग्रेस
महासचिव सचिन पायलट,प्रदेश  कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज और  खरसिया विधायक उमेश नंद कुमार पटेल के नेतृत्व में हुए ऐतिहासिक वोट चोर गद्दी छोड़’ अभियान को लेकर जहां सत्ता पक्ष में खलबली मची हुई है,वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं में नया जोश भर गया है। साथ ही  छत्तीसगढ़ में  कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान को मिले स्वफूर्त।

भारी जन समर्थन ने यह स्पष्ट कर दिया है, कि आम जनों की भीड़ बता रही है इस बार फिर सत्ताधारियों के हाथ से प्रदेश की सत्ता जा रही है। इधर  अभियान के दौरान महासचिव श्री पायलट ने भाजपा और चुनाव आयोग पर मिलकर जहां देश भर वोट चोरी के गंभीर आरोप लगाए। वहीं उन्होंने प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी और आम नागरिकों के शोषण से लोगों में नाराजगी और असंतोष पर टिप्पणी की। खासकर किसानों को खाद की परेशानी और बिजली बिल के नाम पर लुट को हाइ लाइट किया। वहीं खरसिया विधायक उमेश नंद कुमार की कार्यशैली की भी मुक्त कंठ प्रशंसा की।

अब अभियान को लेकर कांग्रेस के तेज तर्रार युवा नेता और खरसिया विधायक के करीबी मेदिनी नेगी ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा है कि,,जब से हमारे लोकप्रिय केंद्रीय नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे देश भर कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार के दिन  ‘वोट चोर गद्दी छोड़’ हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की. तब से देश में पिछले 11 सालों से शासन कर रहे सत्ता पक्ष के नेताओं और केंद्रीय चुनाव आयोग में खलबली मची हुई है। इस अभियान को मिल रहे व्यापक जन समर्थन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सत्ताधारियों के हाथ से सत्ता की बागडोर छुटने लगी है।

यही हाल प्रदेश का भी है यहां भी हमारे महासचिव सचिन पायलट के नेतृत्व में शुरू हुआ यह अभियान अब बड़ा रूप लेने जा रहा है। अभियान को पूरे प्रदेश में मिल रहे समर्थन की वजह से सत्ताधारी पार्टी के पास कोई जवाब नहीं सूझ रहा है, इस वजह सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता और छुटभैया नेता उल जलूल आरोप लगाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि सत्ताधारी पार्टी के बड़े नेता अपना जनाधार बचाने में लगे हुए।

इस क्रम मेदिनी नेगी कहते है कि एक तरफ वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान के प्रारंभिक दौर से ही जिले के कुछ दल_बदलू छुटभैयों ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर आधार हीन आरोप लगाकर सत्ताधारी पार्टी भाजपा के बड़े नेताओं की नजदीकी हासिल करने का ओछा प्रयास कर रहे है। उनके द्वारा जारी बेमतलब की प्रेस रिलीज तो पूरी तरीके से मनगढ़ंत और आधार हीन है।

वहीं खरसिया विधायक उमेश पटेल के वायरल तस्वीर जिसमें उनको कथित रूप से अशोक चक्र पर जूता पहन कर बैठना  दिखाया जा रहा है उसे लेकर श्री नेगी ने कहा कि जिन नासमझ लोगो को वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान में बने प्रतीक चिन्ह और अशोक चक्र के बीच स्पष्ट अंतर नहीं दिख रहा हो उनके द्वारा जारी विरोध पर समझदार लोग भला क्या प्रतिक्रिया देंगे.??

जबकि हमारे देश का एक सामान्य नागरिक भी गुगल करके किसी राजनीतिक पार्टी के प्रतीक चिन्ह और राष्ट्रीय ध्वज पर अंकित सम्मानीय अशोक चक्र का अंतर आसानी से जान सकता है। लेकिन मुद्दाविहीन सत्ताधारी पार्टी के मूढ़ नेता यात्रा के प्रतीक चिन्ह को अशोक चक्र बताकर मामले को बेजा तुल दे रहे हैं।

वहीं आपने आज सुबह कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के गुरुवार को ‘वोट चोरी’ पर दूसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस के विषय में बताया कि देश भर की मीडिया के सामने
हमारे नेता राहुल गांधी ने 31 मिनट के प्रजेंटेशन में वोट चोरी का जो आरोप लगाकर सबूत दिखाया है। उससे पूरे देश के नागरिकों की आंखे खुल गई है।राहुल जी ने प्रेस को बताया कि किस तरह से चुनाव आयोग ने जानबूझकर कांग्रेस के वोटों को निशाना बनाया है और उनके पक्ष के वोटरों का नाम डिलीट किया है।

राहुल जी के साथ इस बार  कर्नाटक के ऐसे वोटर्स भी सामने आए जिनके नाम वोटर्स लिस्ट से अचानक डिलीट कर दिए गए।राहुल जी प्रमाणित आरोप यह बताता है कि भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार उन लोगों की रक्षा कर रहे हैं,जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने फिर से कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी में यही हो रहा है। इसे पुरजोर तरीके से रोका जाना है।

मेदिनी नेगी ने कहा कि आज वोट चोर गद्दी छोड़ अभियान से पूरे देश में ऐसा माहौल बन चुका है, कि सत्ता पक्ष की चूलें हिला गई है। सत्ता पक्ष भी यह जान चुका है कि अब उसके अंतिम विदाई की बेला नजदीक है।
यही कारण है उक्त मामले में *सत्ता पक्ष के नेताओं से ज्यादा वो दल_बदलू परेशान दिख रहे है जिनके लिए वर्तमान सत्ता पक्ष में जगह बना पाना संभव नहीं है और भावी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन के दरवाजे भी बंद हो चुके है।*

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