छत्तीसगढ़

अमित बघेल की गिरफ्तारी की मांग तेज, अग्र समाज के आंदोलन को सिंधी समाज का पूर्ण समर्थन; मंगलवार को बंद और प्रदर्शन का ऐलान

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रायगढ़@खबर सार :- छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल द्वारा महाराजा अग्रसेन और सिंधी समाज के आराध्य भगवान झूलेलाल पर की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के खिलाफ रायगढ़ में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। अग्र समाज रायगढ़ द्वारा कल 04 नवंबर (मंगलवार) को होने वाले शांतिपूर्ण आंदोलन को सिंधी समाज ने पूर्ण समर्थन देने का ऐलान किया है। समाज के पदाधिकारियों ने सभी सदस्यों से सुबह 10:30 बजे अमर बलिदानी श्री हेमू कालाणी चौक पर एकत्रित होने और आंदोलन में शामिल होने की अपील की है।

सिंधी समाज रायगढ़ की ओर से जारी संदेश में कहा गया है, “जय झुलेलाल! अमित बघेल की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अग्र समाज द्वारा आयोजित शांतिपूर्ण आंदोलन में सिंधी समाज पूर्ण शक्ति से शामिल होगा। सभी बंधु प्रातः 10:30 बजे हेमू कालाणी चौक पर उपस्थित हों, वहीं से एकजुट होकर आंदोलन स्थल की ओर प्रस्थान करेंगे।” विशेष रूप से, समाज ने सभी सदस्यों से अनुरोध किया है कि कल शाम 5 बजे तक अपने-अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रखें, ताकि आंदोलन को बल मिले।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब अमित बघेल ने एक यूट्यूब इंटरव्यू में छत्तीसगढ़ महतारी मूर्ति तोड़फोड़ की घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, महाराजा अग्रसेन और भगवान झूलेलाल की मूर्तियों को लेकर विवादास्पद टिप्पणी की। अग्रवाल और सिंधी समाज ने इसे अपनी धार्मिक भावनाओं का अपमान बताते हुए प्रदेशभर में प्रदर्शन किए। रायगढ़ में अग्र समाज ने एसपी को ज्ञापन सौंपकर FIR दर्ज करने और गिरफ्तारी की मांग की थी, जिसके बाद पुलिस ने धारा 299 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया।

प्रदेश के अन्य जिलों जैसे रायपुर, सरगुजा, धमतरी और बिलासपुर में भी दोनों समाजों ने थाने घेराव और रैलियां निकालीं। मुंबई व भोपाल तक में विरोध प्रदर्शन हुए, जहां सिंधी-अग्रवाल समाज ने FIR की मांग की। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने से जुड़ा होने के कारण सामाजिक सौहार्द के लिए चुनौती बन सकता है। पुलिस प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है और आंदोलनकारियों से कानून हाथ में न लेने का आग्रह किया।

कल के आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है। एसपी ने कहा, “शांतिपूर्ण प्रदर्शन का समर्थन है, लेकिन किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।” सिंधी समाज के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आंदोलन पूरी तरह अहिंसक रहेगा और केवल गिरफ्तारी की मांग तक सीमित होगा।

यह आंदोलन न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में दोनों समाजों की एकजुटता का प्रतीक बनता दिख रहा है। देखना यह है कि प्रशासन इस मांग पर क्या कदम उठाता है।

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