बजट 2024 में दिखा सियासी गठबंधन का असर:नीतीश-नायडू के बिहार और आंध्र के लिए 74 हजार करोड़ रुपए का ऐलान
2024 चुनाव में बहुमत से 32 सीटें पीछे रह गई BJP नीतीश और नायडू जैसे सहयोगियों के समर्थन से सरकार चला रही है। मोदी 3.0 के पहले बजट में इस गठबंधन का सियासी असर साफ दिखा।
निर्मला सीतारमण ने दोनों राज्यों को मिलाकर 74 हजार करोड़ रुपए देने का ऐलान किया। इसमें बिहार को 58 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपए दिए जाएंगे। JDU के मुखिया नीतीश कुमार बिहार के मुख्यमंत्री हैं। वहीं TDP के मुखिया चंद्रबाबू नायडू आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री हैं।
बिहार और आंध्र प्रदेश को बजट से क्या-क्या मिला, आइए जानते हैं…
बिहारः इन्फ्रास्ट्रक्चर और योजनाओं के लिए 58,900 करोड़ रुपए
बिहार में कई सड़क परियोजनाओं के लिए 26,000 करोड़ रुपए आवंटित किए गए। पटना-पूर्णिया, बक्सर-भागलपुर को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे और बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा को जोड़ने वाले एक्सप्रेस-वे बनाने की घोषणा की गई।
बिहार के पीरपैंती में 21,400 करोड़ रुपए की लागत से 2400 मेगावाट का पावर प्रोजेक्ट लगाया जाएगा।
बाढ़ से निपटने और राहत के लिए 11,500 करोड़ रुपए दिए जाएंगे।
बिहार के महाबोधि मंदिर और विष्णुपद मंदिर को विकसित किया जाएगा।
बिहार में नए मेडिकल कॉलेज और एयरपोर्ट्स बनाए जाएंगे।
बिहार में स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित किया जाएगा।
गंगा नदी पर दो नए पुल बनाए जाएंगे।
अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर पर बिहार के गया में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।
आंध्र प्रदेशः 15,000 करोड़ रुपए की घोषणा, पुनर्गठन अधिनियम के तहत होगा विकास
आंध्र प्रदेश को मदद के लिए 15,000 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे।
आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम (आंध्र प्रदेश रीऑर्गेनाइजेशन एक्ट) के तहत चिंताओं के निवारण में तेजी लाई जाएगी। इसके तहत फंड पानी, बिजली, रेलवे, सड़क जैसे अहम इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए जारी किया जाएगा।
आंध्र प्रदेश की पोलावरम सिंचाई परियोजना को पूरा करने के लिए वित्तीय मदद दी जाएगी।
आंध्र प्रदेश के पिछड़े इलाकों के लिए भी एक्ट के तहत रकम मुहैया कराई जाएगी।
इसके अलावा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विकास के लिए ‘पूर्वोदय’ योजना शुरू की जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में विकास के लिए औद्योगिक गलियारा बनाया जाएगा।
नीतीश का बिहार और नायडू का आंध्र प्रदेश केंद्र सरकार के लिए क्यों जरूरी?
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार केंद्र में NDA की सरकार बनी, लेकिन इस बार सत्ता की चाबी NDA के दो बड़े पार्टनर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के हाथों में है।
BJP को लोकसभा चुनाव में 240 सीटें मिली थीं। वहीं TDP को 16 और JDU को 12 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत के लिए 272 सीटों की जरूरत होती है। इस बेस पर इन पार्टियों के पावर का डिस्ट्रीब्यूशन करें, तो 89% पावर BJP के पास और 5.5-5.5% JDU और TDP के पास है। सरकार बनाए रखने के लिए दोनों सहयोगी दलों का समर्थन बनाए रखना भी जरूरी है।