छत्तीसगढ़

तमनार क्षेत्र में जनसुनवाई निरस्त कराने ग्रामवासियों ने किया ऐलान जल-जंगल-जमीन की रक्षा हेतु प्रशासनिक प्रस्ताव का किया कड़ा विरोध

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रायगढ़ :-तमनार विकासखंड के ग्राम पंचायत आमगांव के ग्रामीणों ने आगामी 14 अक्टूबर 2025 को कलेक्टर रायगढ़ में प्रस्तावित जनदर्शन व जनसुनवाई को निरस्त कराने की मांग उठाई है। इसके लिए गाँव के लगभग 200 महिला-पुरुष जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीण रायगढ़ पहुँचकर प्रशासन के समक्ष अपना विरोध दर्ज कराएंगे।
ग्राम आमगांव में आयोजित बैठक में यह सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि प्रत्येक घर से एक सदस्य रायगढ़ जाकर अपना विरोध जताएगा। ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि गाँव की जल-जंगल-जमीन किसी भी कीमत पर कंपनी को नहीं बेची जाएगी। गारे-पेलमा सेक्टर-1 हेतु कंपनी व शासन-प्रशासन द्वारा माँगी गई भूमि अधिग्रहण की स्वीकृति को वे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

ग्रामीणों का कहना है कि उनके पूर्वजों की धरोहर रही यह उपजाऊ भूमि पीढ़ी दर पीढ़ी से उनकी आजीविका का आधार है। यहाँ की जमीन पर वे पाँच पीढ़ियों से खेती करते आ रहे हैं। ऐसे में इसे किसी भी सूरत में बेचना संभव नहीं है।

ग्रामीणों ने आशंका जताई कि यदि कंपनी क्षेत्र में आई तो वन व पर्यावरण प्रदूषण फैलेगा, जिससे फसलों को नुकसान होगा। पशुओं के लिए चारा-पानी की समस्या बढ़ेगी, वहीं बाहरी लोगों के प्रवेश से ग्रामीण रोजगार से वंचित हो जाएंगे।

ग्रामवासियों ने आगे कहा कि हजारों ट्रेलर वाहनों के लगातार आवागमन से दुर्घटनाएँ होंगी और जन-धन की हानि की आशंका बढ़ेगी। विस्थापित होकर दर-दर भटकना पड़ेगा और गाँव का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा—
“गाँव का नाम, ब्लॉक, जिला और राज्य तब तक अस्तित्व में रहेंगे जब तक जल-जंगल-जमीन हमारी होगी। कंपनी को जमीन देना हमारे लिए संभव नहीं। इसलिए हम आगामी जनसुनवाई का कड़ा विरोध करते हैं।”

इस बैठक में धौरा, भांठा समेत आसपास के गाँवों के लोगों ने भी समर्थन दिया और सामूहिक रूप से प्रशासनिक प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए जनसुनवाई का विरोध दर्ज कराने का संकल्प लिया।

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