आयुष्मान कार्ड को लेकर फिर एक नया विवाद सामने आया है फिर एक बार और एक मरीज को नहीं मिला आयुष्मान कार्ड का लाभ

ताजा मामला राउरकेला के जानेमाने हड्डी रोग अस्पताल के टी एच का है जहाँ एक खिलाड़ी से आयुष्मान कार्ड के होते 12 हजार रुपये ले लिए गए। ऊपर से अस्पताल प्रबंधन की दादागिरी यह की मरीज से इलाज के लिए लिए गए 12 हजार रुपये की रसीद भी नहीं दी गई।
के टी एच में हाथ टूटने से भर्ती हुए मरीज एक खिलाड़ी है, जिसका नाम विकास मिंज है , और यह जगदा अंचल का रहने वाला है। विकास मिंज के अनुसार खेलने के क्रम में उनका हाथ टूट गया। और वह ईलाज के लिए राउरकेला के के टी एच अस्पताल आया।
उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों से विनती कि उसके पास अयुष्मान कार्ड है, इस कार्ड से उनके ईलाज का खर्चा लिया जाय। पर विकास मिंज की यह विनती का अस्पताल के कर्मचारियों पर कोई असर नहीं हुआ, जिसके बाद इसे लेकर दोनों में तीखी बहस हुई और फिर मजबूर होकर विकास मिंज को 12 हजार रुपये नगद जमा करना पड़ा। अस्पताल में आनलाइन पेमेंट लेने से भी मना कर दिया गया। जिसके बाद उनका इलाज शुरू किया गया। पर आश्चर्य की बात यह है कि विकास मिंज द्वारा अस्पताल में जमा किए गए नगद 12 हजार की रसीद भी नहीं दी गई।
आखिर क्यों, क्या अस्पताल ने विकास मिंज से अवैध तरीके से पैसे लिए या फिर यह अस्पताल की काली कमाई का हिस्सा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच क्यों नहीं होनी चाहिए।
यहाँ सबसे बड़ा सवाल यह है, की जब आयुष्मान कार्ड के तहत मरीज को भर्ती किया गया तो पैसे की मांग क्यों की गई।और यदी पैसा जायज तरीके से लिया गया तो पैसा ले लेने के बाद रिसीप्ट क्यों नहीं दी गईl और सबसे बड़ा सवाल यह है कि पैसे आनलाइन लेने से क्यों मना किया गया।अस्पताल प्रबंधन का यह सारा कृत्य फ़र्ज़ीवाड़ा की ओर इसारा कर रहा है। दूसरी ओर ऐसे कई मामले है जो मीडिया के सामने आ चुका है। गुप्त सूत्रों की माने तो ऐसे कितने मामले रोजाना शहर के बड़े अस्पतालों में घटित हो रहे है, जिनकी भनक तक मीडिया को नहीं लग पाती।





