छत्तीसगढ़

मनमानी हावी जिला पंचायत में ऐसे कैसे होगा ग्रामीण विकास का सपना साकार

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शाखा प्रभारी करते है  मनमानी जिला पंचायत सीईओ को बहानों से करते  गुमराह?

कौशलेन्द्र यादव @सूरजपुर  । ग्रामीण विकास की परिकल्पना साकार करने में सबसे अहम भूमिका जिला पंचायत की होती है लेकिन जब जिला पंचायत मुख्यालय में विभिन्न शाखाओं के प्रभारीयों द्वारा अपने सुविधा अनुसार योजनाओं की स्वीकृति सहित अन्य कार्यों में जिला पंचायत सीईओ को बहानों सहित अन्य कारण बताकर संचालन करने से जुड़े लगातार मामले सामने आने के वावजूद निरंकुश कार्यशैली में सुधार लाने की कवायद अबतक नहीं हुई है।

इनमें चाहें उप संचालक पंचायत हों या फिर एनआरएलएम, स्वच्छ भारत मिशन अन्य योजनाओं के प्रभारी सभी अपनी मनमानी पूर्ण कार्यशैली से जारी रखने से पंचायतों के कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इसकी बानगी ग्राम पंचायतों के कामकाज पर लंबे अरसे से सामने आने के साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मातहत खुलकर कुछ भी कहना नहीं चाहतें लेकिन दबि जुबान से मनमानी के आगे बेबस है। चाहे स्वच्छ भारत मिशन हों या फिर एनआरएलएम से जुड़े कार्यों में विसंगतियों से जुड़े मामले अनेक है।

ऐसा ही एक मामला एनआरएलएम में बीते दिनों जारी तबादला सूची से जुड़ा हुआ है। आपकों बताते चलें कि  दिनांक 9 जुलाई 2024 को जिला पंचायत सीईओ ने ट्रांसफर आदेश जारी किया जिसमें 6 लोगों का तबादला किया गया था जिसमें से श्रीमती अलका अग्नेस कुजूर विकासखंड परियोजना प्रबंधक से जनपद पंचायत प्रतापपुर से यथावत जनपद पंचायत प्रतापपुर किया जाना खुद में एक सवाल है।

वहीं इसी सूची में श्रीमती माधुरी भण्डारी विकासखंड परियोजना प्रबंधक जनपद पंचायत रामानुजनगर से जनपद पंचायत सूरजपुर, श्रीमती अंजना कुजूर  विकासखंड परियोजना प्रबंधक जनपद पंचायत भैयाथान से जनपद पंचायत रामानुजनगर,  सर्वजीत सिंह प्रभारी विकासखंड परियोजना  प्रबंधक जनपद पंचायत सूरजपुर से जनपद पंचायत ओड़गी , संतोष राजवाड़े प्रभारी विकासखंड परियोजना प्रबंधक ओड़गी से जनपद पंचायत प्रेमनगर, दिलीप एक्का  विकासखंड परियोजना प्रबंधक, जनपद पंचायत प्रेमनगर से जनपद पंचायत भैयाथान ।इस आदेश में केवल एक ही कर्मचारी  श्रीमती अंजना कुजूर ही कार्य मुक्त हुई है शेष अबतक यथावत अपनी पदस्थापना स्थल पर बरकरार है।

उक्ताशय पर सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार एक तरफ संशोधित आदेश में प्रतापपुर विकासखंड परियोजना प्रभारी को यथावत उनके पुराने कार्यस्थल में बरकरार रखना जन चर्चा में शामिल हैं तो वहीं शेष कर्मचारी  अभी भी कार्य मुक्त नहीं करना और दूसरी तरफ यह भी जानकारी सामने आई है कि ट्रांसफर संशोधित करवाने के लिए कर्मचारी एड़ी चोटी लगाए हुए हैं ।

सूत्रों की माने तो राष्ट्रीय ग्रामीण  आजीविका  मिशन के अधिकारी इनको आश्वस्त कर दिए हैं कि आप निश्चिंत रहिए जिला पंचायत सीईओ से बात कर लिया हूं मैं मेरे रहते आप लोगों को अन्य जगह जाने की जरूरत नहीं है जल्द ही इसमें संशोधित आदेश निकाला जाएगा इसके लिए मैंने जिला पंचायत सीईओ से बात भी कर लिया है। उक्ताशय पर मिशन के प्रभारी से चर्चा किया गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए उन्होंने कहा कि मुझे अथॉरिटी नहीं है बात करने के लिए इस संबंध में जिला पंचायत सीईओ से आप पूछ लीजिए बहरहाल एक शाखा की कार्यशैली ही हकीकत जाहिर कर रही है कि कार्यशैली किस ढर्रे पर चल रही है।


महिला समूह से होती है अवैध उगाही:-

सूत्रों का यह भी कहना है ज़िलें के स्वयं सहायता समूहों कि महिलाओं को भी हर कार्य के लिए पैसे का डिमांड किया जाता है या फिर उस महिला को कार्य से निकाल दिया जाता है, महिलाओं को ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उनके द्वारा किया गए कार्य का मानदेय नहीं देने एवं उसे कार्य से निकालने कि धमकी तक दी जाती है। ज़िलें में भ्रष्टाचार को बढ़ावा ही नहीं बल्कि ज़िलें को ख़राब किया जा रहा है।

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