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रायगढ़@खबर सार :- बीती रात रायगढ़ के कोतरारोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत कोसमनारा में गणेश विसर्जन के दौरान उस समय हंगामा मच गया, जब ग्रामीणों ने पुलिस पर बेवजह लाठीचार्ज करने का गंभीर आरोप लगाया। गुस्साए ग्रामीणों ने कोतरारोड थाने के सामने सड़क पर धरना दे दिया और दोषी पुलिसकर्मियों के निलंबन की मांग की। इस घटना ने न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी।
रात के सन्नाटे में गूंजी लाठियों की आवाज: बताया जाता है कि रविवार रात 10 बजे करीब कोसमनारा में विसर्जन का आयोजन चल रहा था। ग्रामीणों का आरोप है कि कोतरारोड थाने के कुछ पुलिसकर्मियों ने बिना किसी कारण के उन पर लाठियां बरसाईं। इस घटना से आक्रोशित ग्रामीण एकजुट हो गए और सरपंच प्रतिनिधि कमलेश डनसेना (बीजेपी) के नेतृत्व में देर रात करीब 3:30 बजे थाने पहुंचकर धरना देना शुरू कर दिया। धरने में सरपंच भी मौजूद थीं, जो शुरू में शांत रहीं, मानो वह घटना के कारणों को समझने की कोशिश कर रही हों। ग्रामीणों ने तत्काल लिखित शिकायत दर्ज की और पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
राजनीतिक रंग में रंगा मामला: ग्रामीणों ने स्थानीय कांग्रेसी नेता नेगी को फोन पर इस घटना की पूरी जानकारी दी और आने को कहा जिसके बाद घटना की सूचना मिलते ही कांग्रेस नेता नेगी भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने पहले थाने में जाकर मामले को समझा और फिर ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाया। दूसरी ओर, कुछ स्थानीय स्थानीय नेताओं पर ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वे बिना वजह मामले में दखल दे रहे हैं और केवल अपनी सहानुभूति दिखाने का “नाटक” कर रहे हैं। कुछ लोग तो साइड में बैठकर तमाशबीन बन गए। इस बीच, रायगढ़ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम ने धरना स्थल पर पहुंचकर दोनों पक्षों को शांत किया और कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पुलिस की प्रतिक्रिया और जांच शुरू: अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश मरकाम ने मीडिया को बताया कि मामले की गहराई से जांच की जाएगी। उन्होंने कहा, “घटनास्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे। अगर किसी ग्रामीण के पास घटना का वीडियो है, तो उसकी भी जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
दोपहर करीब 3 बजे: आदिवासी समाज के नागेश और बानू खूंटे ग्रामीणों के साथ थाने पहुंचे और लिखित शिकायत दर्ज की। मरकाम ने तत्काल पीड़ितों का मेडिकल परीक्षण कराने के निर्देश दिए। कोतरा रोड थाना प्रभारी ने अस्पताल को फोन कर मेडिकल जांच में तेजी लाने को कहा, ताकि रिपोर्ट जल्द आए और दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
जनता की नजर, चर्चा हर तरफ: मुलायजा रिपोर्ट अभी आनी बाकी है, लेकिन यह मामला रायगढ़ में चर्चा का केंद्र बन गया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर पुलिस ने लाठीचार्ज क्यों किया? क्या यह बेवजह था या कोई उकसावे की वजह थी? दूसरी ओर, राजनीतिक दलों की सक्रियता ने इस घटना को और तूल दे दिया है। कुछ लोग इसे ग्रामीणों की एकजुटता का प्रतीक मान रहे हैं, तो कुछ इसे सियासी रंग देने की कोशिश बता रहे हैं।
आगे क्या?: पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और सीसीटीवी फुटेज के साथ-साथ प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी लिए जा रहे हैं। वही सीसीटीवी में कैद नहीं हुई घटना की तस्वीर क्योंकि कैमरे की नजर तो कही और ही बताई जा रही है। ग्रामीणों की मांग है कि दोषी पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित किया जाए। इस बीच, जनता की नजर इस मामले पर टिकी है। जैसे ही मुलायजा रिपोर्ट आएगी और जांच में नए तथ्य सामने आएंगे, हम आपको ताजा अपडेट देंगे।





