छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ पर फर्जी खबर चलाने का आरोप, निगम उप अभियंता ने भेजा 1 करोड़ का लीगल नोटिस, 48 घंटे में माफ़ी और खबर हटाने की मांग, नहीं तो मानहानि का मामला दर्ज कराने की तैयारी

Advertisement

रायपुर। नगर निगम रायपुर के उप अभियंता सोहन गुप्ता ने छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की पहल करते हुए मानहानि का नोटिस भेजा है। आरोप है कि चैनल ने उनके खिलाफ फर्जी खबर प्रसारित कर उनकी छवि को जानबूझकर धूमिल करने की कोशिश की है। इस मामले में चैनल के संपादक संतोष देवांगन, सह-संपादक अमित गौतम और रिपोर्टर शशिकांत उर्फ शशिकांत सनसनी को नोटिस में नामित किया गया है। श्री गुप्ता की ओर से उनके अधिवक्ता द्वारा लीगल नोटिस भेजा गया है।

श्री गुप्ता की ओर से भेजे गए कानूनी नोटिस में 1 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग की गई है, साथ ही सभी सार्वजनिक मंचों पर बिना शर्त माफी मांगने और 48 घंटे के भीतर खबर हटाने की बात कही गई है।

नोटिस में यह भी उल्लेख किया गया है कि अगर तय समय में मांगें पूरी नहीं होतीं, तो बीएनएस की धारा 356 (मानहानि), सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण कानून, प्रेस काउंसिल अधिनियम और भारतीय संविधान के तहत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

6 सितंबर 2025 को छत्तीसगढ़ 24 न्यूज़ पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई जिसका शीर्षक था:“उप अभियंता या ‘सुपर कमिश्नर’? – सोहन गुप्ता का रायपुर निगम में जलवा, 4 करोड़ से लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग तक”

इस रिपोर्ट में श्री सोहन गुप्ता पर ₹4 करोड़ की गड़बड़ी, ट्रांसफर-पोस्टिंग में दखल, और खुद को आयुक्त से भी ऊपर बताने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। श्री गुप्ता का आरोप है कि यह रिपोर्ट:गुमनाम और असत्यापित शिकायत पत्र के आधार पर लिखी गई, उनसे कोई पक्ष या प्रतिक्रिया नहीं ली गई और यह पूर्वनियोजित साजिश के तहत छवि खराब करने के इरादे से प्रसारित की गई।

कानूनी पहलुओं में क्या कहा गया?

लीगल नोटिस में कहा गया है कि:यह रिपोर्ट बीएनएस की धारा 356 के तहत आपराधिक मानहानि का अपराध है। साथ ही, यह डिजिटल माध्यम पर असत्य व अप्रमाणित जानकारी प्रकाशित करने के लिए आईटी अधिनियम और आईटी नियम 2021 का उल्लंघन है।
डेटा सुरक्षा कानून 2023 के तहत निजी जानकारी बिना सहमति के प्रकाशित करना गैरकानूनी है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया की गाइडलाइंस के तहत भी सत्यापन और निष्पक्षता का पालन नहीं किया गया।

सोहन गुप्ता की ओर से रखी गई मांगें (48 घंटे की समयसीमा)

समस्त डिजिटल प्लेटफॉर्म से खबर को हटाया जाए।
सार्वजनिक रूप से खंडन और बिना शर्त के माफी मांगा जाए।
झूठी शिकायत और साजिशकर्ताओं के नाम उजागर किया जाए।
1 करोड़ की मानहानि राशि का भुगतान किया जाए।

कर्मठ अधिकारियों का मनोबल तोड़ने की साज़िश

सोहन गुप्ता ने कहा कि यह पहल केवल अपनी प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए ही नहीं है, बल्कि उन सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए भी है, जो निष्ठापूर्वक अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गतिविधियाँ अधिकारियों का मनोबल तोड़ती हैं और उन्हें गलत काम करने के लिए दबाव डालने का हथकंडा बनती हैं। यदि ऐसे प्रयासों को रोका न गया तो ईमानदारी से काम करने वाले अधिकारियों की क्षमता और इच्छाशक्ति दोनों पर नकारात्मक असर पड़ेगा।

.सेवा रिकॉर्ड बेदाग, बदनाम करने की साजिस

गुप्ता ने अपने सेवा रिकॉर्ड को बेदाग बताते हुए कहा कि उन्होंने सदैव ईमानदारी, पारदर्शिता और निष्ठा के साथ कार्य किया है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि संविधान और क़ानून के तहत सद्भावनापूर्वक किए गए सरकारी कार्यों को विधिक संरक्षण प्राप्त है, और किसी अधिकारी को झूठे आरोपों से डराने-धमकाने का प्रयास अस्वीकार्य है।

नोटिस के माध्यम से दी स्पष्ट चेतावनी

नोटिस में कहा गया है कि यदि 48 घंटे के भीतर चैनल निशर्त माफी नहीं मांगता और सुधार प्रकाशित नहीं करता तो आपराधिक कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button