छत्तीसगढ़

खुला लिंगेश्वर गुफा का प्रवेश द्वार संतान प्राप्ति की मनोकामना लिए हजारों की संख्या में जुटे भक्तगण

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कोंडागांव जिले मे फरसगांव ब्लॉक के ग्राम(आलोर) में स्थित माता लिंगेश्वरी गुफा का द्वार बुधवार को  खुला । यह खास गुफा सिर्फ साल में एक बार भादो एकादशी के दिन ही खुलता है। इस बार समिति ने दर्शनार्थियों की भारी भीड़ को देखते हुए कुछ नियम बनाए थे जिनका पालन सभी भक्तों ने किया इस साल भी, वीआईपी दर्शनार्थियों को गुफा के बाहर से ही करवाया गया।

मन्नत पूरी होने वाले सभी भक्तों को उनके साथ सिर्फ तीन लोग ही दर्शन कर पाए। जो भक्त पहली बार मन्नत मांगने पहुंचे  वे लाइन से गुफा में प्रवेश करके दर्शन कर सके। इस बार अत्यधिक  वर्षा होने के कारण दर्शनार्थियों को काफी मुसीबत का सामना करना पड़ा।

देशभर में विख्यात लिंगेश्वरी माता- झाटीबन की पहाड़ियों में स्थित है
यहां शिव व शक्ति का समन्वित माता लिंगेश्वरी के दर्शन के लिए हर साल हजारों भक्त आते हैं। खासतौर पर, संतान प्राप्ति की मन्नत पूरी होने की मान्यता के चलते निसंतान दंपतियों की यहां भारी भीड़ उमड़ती है। छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु बड़ी बेसब्री से इस मेले का इंतज़ार करते हैं ।

कुछ  वर्ष पूर्व शाम को 4 बजे कोटवार  द्वारा आवाज लगा कर लोगो को दर्शन के लिए आमंत्रित किया करता था.. 1990 से प्रिन्ट मीडीया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने से इन 35 वर्षो मे लगभग-50 से 60 हजार लोग दर्शन को आते है। और निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं । इस प्रकार मन्नत पूर्ण करने वाली माता हजारो की संख्या मे पहुँचे लोगो की मनोकामना पूर्ति करते है. इस वर्ष भी काफी संख्या मे भक्त पहुंचे  है।

गायकवाड ने बताया कि प्रति वर्ष कम से कम 5 की संख्या मे औसतन मेरे माध्यम से पहुंचे है तो अब तक 100 से भी अधिक जोडे मैने मन्नत के लिए लेकर आया हू ।प्रदेश कार्य कारिणी सदस्य के मार्गदर्शन मे भंडारे का आयोजन किया गया। शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस व्यवस्था तैनात की गई थी ।

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