शासकीय रिकार्ड में हेराफेरी, कलेक्टर ने एफआईआर दर्ज करने के दिए निर्देश…
तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह व तीन अन्य के खिलाफ होगी कार्यवाही…
ग्राम सागरपुर स्थित गेज बांध की शासकीय भूमि का मामला…
बैकुंठपुर/ कलेक्टर कोरिया विनय लंगेह ने राजस्व के एक मामले की सुनवाई के बाद सरकारी रिकॉर्ड में हेराफेरी कर नहर की शासकीय जमीन को नियम विरुद्ध नामांतरण कर कब्जा कराने के मामले चार अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ़ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं। इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार, जल संसाधन एसडीओ, सब इंजीनियर, अमीन पर मुकदमा चलेगा। मामले में कार्यपालन अभियंता जल संसाधन को 15 दिन के भीतर अपराध पंजीबद्ध कराना होगा।
जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी उनमें ऋचा सिंह, तत्कालीन तहसीलदार बैकुंठपुर- आरसी जैन, तत्कालीन उप अभियंता उप संभाग बैकुंठपुर, आरसी सोनी, तत्कालीन एसडीओ और अमीन वैद्यनाथ शर्मा शामिल हैं।मामले में तत्कालीन तहसीलदार ऋचा सिंह के खिलाफ सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग मंत्रालय रायपुर को अनुशंसा पत्र भेजा गया है। वहीं जल संसाधन विभाग के तीनों अधिकारी- कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
विदित हो कि बैकुंठपुर तहसील अंतर्गत ग्राम सागरपुर के ग्रामीणों ने वर्ष 2021- 22 में न्यायालय कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी बैकुंठपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था। जिसमें बताया कि ग्राम सागरपुर में भूमि खसरा नंबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर, खसरा नंबर 442/3 रकबा 0.089 हेक्टेयर जल संसाधन विभाग के नाम पर वर्ष 1975 में दर्ज है। उस भूमि को किशुनराम के नाम पर पटवारी अभिलेख में दुरुस्थ कराया गया है। न्यायालय कलेक्टर ने प्रकरण की सुनवाई कर तहसीलदार बैकुंठपुर की ओर से 5 दिसंबर 2011 एवं 2 मार्च 2021 को निरस्त कर दिया गया है। मामले में जल कारी जमीन को नियम विरुद्ध नामांतरण पाए जाने के कारण निरस्त कर खसरा 442/3 रकबा 0.089, 1442/3 रकबा 0.009 हेक्टेयर से किशुनराम का नाम विलोपित और जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज करने आदेश दिए हैं।
वहीं खसरा नबर 442/2 रकबा 0.097 हेक्टेयर से किशुनराम, उदेराम, भैयालाल एवं बुधियारो का नाम विलोपित कर जल संसाधन विभाग के नाम दर्ज कराने और तहसीलदार बैकुंठपुर को 7 दिन के भीतर पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत करने निर्देश दिए गए हैं। जिनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी उनमें ऋचा सिंह, तत्कालीन तहसीलदार बैकुंठपुर- आरसी जैन, तत्कालीन उप अभियंता उप संभाग बैकुंठपुर, आरसी सोनी, तत्कालीन एसडीओ और अमीन वैद्यनाथ शर्मा शामिल हैं।