72 सेवानिवृत्त रेल कर्मियों को सम्मानपूर्वक दी गई विदाई, डीआरएम ने दी डिजिटल स्कैम से बचने की सलाह

चक्रधरपुर, संवाददाता:
चक्रधरपुर रेल मंडल के 72 सेवानिवृत्त रेल कर्मियों को शुक्रवार को एक गरिमामय समारोह में भावभीनी विदाई दी गई। महात्मा गांधी सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चक्रधरपुर मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) श्री तरुण हुरिया ने सेवानिवृत्त कर्मियों को उनके लंबे और समर्पित सेवा काल के लिए धन्यवाद दिया और उन्हें जीवन के अगले चरण के लिए शुभकामनाएं दीं।

डीआरएम की सलाह: डिजिटल सतर्कता और खुशहाल जीवन
श्री हुरिया ने अपने संबोधन में सेवानिवृत्त कर्मियों को डिजिटल धोखाधड़ी से सतर्क रहने की अपील की। उन्होंने कहा, “किसी भी अनजान व्यक्ति से मोबाइल, ओटीपी, पासवर्ड या बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा न करें। डिजिटल स्कैम के मामलों में वृद्धजनों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।” उन्होंने एक पूर्व प्राचार्य के साथ हुई ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटना साझा करते हुए कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद मिली धनराशि का निवेश सोच-समझकर करें।

उन्होंने कहा कि अब जब आप रेल की जिम्मेदारियों से मुक्त हो गए हैं, तो यह समय अपने परिवार, विशेषकर जीवनसाथी और बच्चों के साथ बिताने का है। सेवानिवृत्त कर्मियों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहते हुए नियमित दिनचर्या अपनाने और प्रतिदिन कम से कम एक घंटे स्वास्थ्य पर ध्यान देने की सलाह दी गई।

डॉ. ऋषभ सिन्हा और अन्य अधिकारियों की उपयोगी सलाह
समारोह की शुरुआत वरिष्ठ कार्मिक अधिकारी डॉ. ऋषभ सिन्हा के संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने सेवानिवृत्त कर्मचारियों से अपनी जीवनभर की कमाई को सुरक्षित और सोच-समझकर निवेश करने की अपील की। उन्होंने बिचौलियों से सावधान रहने और किसी भी निर्णय से पहले विशेषज्ञ सलाह लेने की सलाह दी।
वित्त विभाग के एडीएफएम एस. बारला ने भी कर्मचारियों से अपने स्वास्थ्य और वित्तीय योजना पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने यह भरोसा दिलाया कि आवश्यकता पड़ने पर मंडल के अधिकारी मार्गदर्शन देने के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
सभी को दी गई सेवानिवृत्ति से जुड़ी सामग्री
रेलवे की ओर से सभी सेवानिवृत्त कर्मियों को रेलवे का लोगो युक्त एक बैग, सर्विस बुक, पीपीओ, एफआईसी कार्ड और अन्य आवश्यक दस्तावेज सौंपे गए।
डा. एस. सोरेन की भावुक अपील
चक्रधरपुर रेलवे मंडल अस्पताल के मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एस. सोरेन ने कर्मचारियों से अपने जीवनसाथी के साथ सुख-दुख साझा करने का आग्रह किया। उन्होंने एक कर्मचारी के अनुभव को साझा करते हुए कहा, “सेवानिवृत्ति के बाद जीवनसाथी ही सबसे बड़ा सहारा होता है। बीमारी, दवा, मन की बात – सब कुछ साझा करें, ताकि जीवन की यह नयी पारी भी सुखद हो।”
समारोह में मौजूद अधिकारी और परिजन
इस विशेष अवसर पर डीपीओ अमरेन्द्र नाथ मिश्र, डॉ. जी. सोरेन, डॉ. श्याम सोरेन, डॉ. एस. सोरेन समेत लेखा, कल्याण, और कार्मिक विभाग के अनेक अधिकारी, कर्मचारी और सेवानिवृत्त कर्मियों के परिजन उपस्थित रहे। समारोह में भावनात्मक माहौल रहा और सभी ने सेवानिवृत्त कर्मियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।





