छत्तीसगढ़

जल संरक्षण की दिशा में मोर गांव मोर पानी अभियान की शुरुआत

जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्भरण और समुचित प्रबंधन को दिया जाएगा बढ़ावा

बलरामपुर । राज्य शासन के निर्देशानुसार मोर गांव-मोर पानी की शुरूआत की गई है। इसी कड़ी में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के मार्गदर्शन में जिले में जल संरक्षण हेतु मोर गांव मोर पानी अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्रोतों के संरक्षण, पुनर्भरण और समुचित प्रबंधन को बढ़ावा, प्रत्येक गांव में स्वच्छ और पर्याप्त जल उपलब्धता सुनिश्चित कराना ताकि किसान, पशुपालक और आम नागरिक जल संकट से मुक्त हो सकें। ‘‘मोर गांव मा पानी’’ न केवल पानी की बचत के उपायों को प्रोत्साहित करता है, बल्कि जल स्रोतों के पुनर्जीवन, पारंपरिक संरचनाओं के पुनः उपयोग और वर्षा जल संग्रहण को भी प्राथमिकता देता है।

इसी कड़ी में विकासखण्ड शंकरगढ़ अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल दुर्गापुर में मोर गांव मोर पानी अभियान अंतर्गत प्रशिक्षण आयोजित किया गया। प्रशिक्षण में अभियान अंतर्गत किये जाने वाले गतिविधियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। साथ ही जल संरक्षण के लिए शपथ भी लिया गया। इस अभियान के तहत ग्राम स्तर पर जल स्रोतों की पहचान एवं संरक्षण, तालाबों का गहरीकरण व सफाई, चेक डैम, बोल्डर स्ट्रक्चर और नाला अवरोध निर्माण, जल जागरूकता रैलियाँ और ग्राम सभाओं का आयोजन, जल उपयोग में दक्षता के लिए डिप और स्प्रिंकलर सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस अभियान में पंचायतों, स्थानीय ग्रामीणों, युवाओं, स्वयं सहायता समूहों और स्वयंसेवी संगठनों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। जनपद पंचायत शंकरगढ़ सीईओ ने बताया कि जल बचाओ जीवन बचाओ की भावना को जन-जन तक पहुँचाने श्रमदान, स्थानीय योगदान और स्वैच्छिक भागीदारी को विशेष महत्व दिया जा रहा है।


देवी अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर स्वच्छता कार्यक्रम काआयोजन
देवी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के अवसर पर विकासखंड शंकरगढ़ अंतर्गत दुर्गापुर क्लस्टर में स्वच्छता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महिला स्व-सहायता समूहों ने पुरातात्विक स्थल डीपाडीह में श्रमदान कर योगदान दिया। देवी अहिल्याबाई होल्कर का जीवन प्रत्येक वर्ग, विशेष रूप से महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

महिलाओं द्वारा स्वच्छता एवं सौंदर्यीकरण हेतु किए गए श्रमदान कार्य देवी अहिल्याबाई के सेवा, समर्पण एवं जनकल्याण के आदर्शों की सजीव प्रतिमूर्ति रहे। इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीणजन एवं पंचायत प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने सामूहिक रूप से स्वच्छ, सुंदर एवं जागरूक समाज निर्माण की प्रतिज्ञा ली।

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