छत्तीसगढ़

पण्डो जनजाति की जमीन पर अवैध कब्जा, कलेक्टर से कार्रवाई की मांग

Advertisement

जिपं सदस्य नरेंद्र यादव ने सौंपा ज्ञापन, दोषी पटवारी पर कड़ी कार्रवाई की मांग

सूरजपुर कौशलेन्द्र यादव । जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पण्डो समुदाय की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला गरमा गया है। जिला पंचायत सदस्य और युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष नरेंद्र यादव ने कलेक्टर जनदर्शन में ज्ञापन सौंपते हुए इस मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

ज्ञापन में बताया गया कि भगवानपुर कला (तहसील लटोरी) के खसरा नंबर 43, रकबा 1.71 हेक्टेयर की जमीन, जो सेंटलमेंट रिकॉर्ड में झुरई पण्डो के नाम पर दर्ज थी, उसे हल्का पटवारी की मिली-भगत से एक गैर-आदिवासी बंगाली परिवार के नाम पर नामांतरण कर दिया गया। यह छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 170(ख) का गंभीर उल्लंघन है, जो आदिवासी जमीन के गैर-आदिवासियों को हस्तांतरण पर सख्त रोक लगाता है।

“यह केवल जमीन नहीं, अस्तित्व की लड़ाई है”

नरेंद्र यादव ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो पण्डो समुदाय को साथ लेकर आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने मांग की कि उक्त भूमि तत्काल मूल मालिक को वापस लौटाई जाए और दोषी पटवारी पर विभागीय कार्रवाई की जाए।

राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों के साथ अन्याय

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि पण्डो जनजाति, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा दत्तक पुत्र का दर्जा प्राप्त है, लंबे समय से अपनी पुश्तैनी जमीन के लिए संघर्ष कर रही है। स्थानीय राजस्व तंत्र की लापरवाही और मिली-भगत ने इस समुदाय के अस्तित्व पर ही प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

कानूनी प्रावधानों की खुली अवहेलना

कानून विशेषज्ञों के अनुसार, भू-राजस्व संहिता की धारा 165 और 170(ख) आदिवासियों की भूमि सुरक्षा की गारंटी देती है। यदि यह सिद्ध होता है कि भूमि का नामांतरण बिना वैध अनुमति या धोखाधड़ी से किया गया है, तो उसे शून्य घोषित कर मूल आदिवासी को वापस दी जा सकती है।

आदिवासी जमीनों पर बढ़ते अवैध कब्जे चिंता का विषय

यह मामला सिर्फ सूरजपुर का नहीं, बल्कि पूरे राज्य में आदिवासी जमीनों पर हो रहे अवैध कब्जों की ओर संकेत करता है। सामाजिक कार्यकर्ता शुभम अग्रवाल ने कहा, “पण्डो जैसे संवेदनशील समुदायों के साथ हुआ यह अन्याय बेहद शर्मनाक है। प्रशासन को जल्द से जल्द न्यायिक हस्तक्षेप करना चाहिए और ऐसी घटनाओं पर पूर्ण विराम लगाने की दिशा में ठोस नीति बनानी चाहिए।”

कलेक्टर ने दिए जांच के आदेश

कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं। अब निगाहें प्रशासन पर टिकी हैं कि पण्डो परिवार को कब और कैसे उनका वैध हक लौटाया जाएगा।

Advertisement

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button