छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली ने भुवनेश्वर के राज्य अतिथि गृह में मुकदमों की सुनवाई की

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भुवनेश्वर,,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग नई दिल्ली के द्वारा आज ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के राज्य अतिथि गृह में मुकदमों की सुनवाई की गई। जिसमें राउरकेला के वरिष्ठ पत्रकार हरहर शम्भु कुमार चौधरी द्वारा राउरकेला पुलिस के खिलाफ दर्ज मुकदमों की भी सुनवाई की गई।

पत्रकार श्री चौधरी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में एक मुकदमा दर्ज किया था कि पूर्व थाना प्रभारी बंडामुंडा थाना अशोक कुमार दास ने श्री चौधरी द्वारा उनकी भाभी और उनके सहयोगीयों के विरुद्ध दी गई एफआईआर पर कोई कार्यवाही नहीं की गई ,इतना ही नहीं पूर्व थाना प्रभारी अशोक कुमार दास ने हरहर शम्भु के द्वारा जन सुनानी पोर्टल में दर्ज कराई गई 6 शिकायतों पर एक ही कापी पेस्ट जांच रिपोर्ट लगाकर आरोपीयों को बचाया गया। और जब श्री चौधरी ने जिलाधिकारी से इसकी शिकायत की तो जांच अधिकारी डीएसपी जोन 2 ने एक झूठी और मनगढंत जाँच रिपोर्ट लगाकर पूर्व थाना प्रभारी अशोक कुमार दास का बचाव किया,राजकुमारी प्रकारण में राउरकेला पुलिस द्वारा ऐसा कई बार किया जा चुका है।

पत्रकार श्री चौधरी ने इसके सबूत भी सौपे और न्याय की मांग की। सुनवाई के दौरान राउरकेला पुलिस से डीएसपी जोगेश्वर पण्डा राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के कोर्ट में  उपस्थित थे।

वही पत्रकार हरहर शम्भु का कहना है कि उसकी भाभी राजकुमारी चौधरी जो विवाह के बाद से ही परिवार से अलग हो चुकी हैं कुछ स्थानीय महिलाओं और मायकापक्ष के साथ मिलकर अपने पत्रकार देवर के घर में अवैध रूप से कब्जा कर असामाजिक/गैरकानूनी कार्य करना चाहती है जिसमें स्थानीय बंडा़मुंडा थाना राजकुमारी चौधरी की पूरी मदद कर रहा है, और राजकुमारी चौधरी के देवर को कई सारे झूठे मुकदमों में फंसाकर ब्लेकमेल कर रहा है कि वह अपना घर राजकुमारी को दे दे तो उसके ऊपर से सारे झूठे मुकदमें उठा लिए जाएंगे। इस बाबत पत्रकार हरहर शम्भु ने पुलिस अधीक्षक राउरकेला को एक एफआइआर भी दी है पर महीनों गुजर जाने के बाद भी इसपर कोई कार्यवाही नहीं की गई है।

वहीं राउरकेला के अधिवक्ता राजेश कानन ने जो राउरकेला  पुलिस की अत्याचार का शिकार हुए एक निर्दोष युवा बिशाल मुन्ना  का पक्ष रखने गया था राउरकेला पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए उसकी गलत कार्यवाही की पोल खोल दी। बिशाल मुन्ना को
अधिवक्ता राजेश कानन ने बताया की उसके मुवक्किल बिशाल मुन्ना को राउरकेला पुलिस जिला अंतर्गत आनेवाले सेक्टर 7 थाना द्वारा डकैती की योजना बनाने के झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेज दिया गया, जबकि वारदात वाली जगह में वो था ही नहीं।

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