छत्तीसगढ़बलरामपुर

महिला सशक्तिकरण का संदेश देती नारी की पूरी होती आशाएं

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महतारी वंदन योजना से सुमन बना रही अपनी पहचान

मोदी की गारंटी से सपनो को मिली उड़ान

बलरामपुर 18 जुलाई 2024/ आमतौर पर देखा जाता है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से परिवार के पुरूषों पर निर्भर रहना पड़ता है। सामाजिक बैठक हो या आर्थिक रूप से निर्भरता की बात पुरुषों की भागीदारी अधिक होती है। लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाओं के प्रति लोगों की सोच भी बदल रही है। अब घर चलाने की बात हो या अपने पसंदीदा चीजों को खरीदने की महिलाएं पुरुषों पर निर्भर नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वपूर्ण योजना महतारी वंदन योजना का परिणाम है कि आज महिलाओं के सशक्तिकरण की बात हो रही है। जो महिलाओं को अब आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने का काम कर रही है।

हालांकि आजकल समय बदल गया है, लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां महिलाएं आज भी लाभ लेने आगे नहीं आ पा रही है परन्तु शासन की महत्वपूर्ण महतारी वंदन योजना का लाभ लेने हर क्षेत्र की महिलाएं बढ़-चढ़ कर आगे आ रही हैं। ऐसे ही महिलाओं की कहानी समाज के लोगों के बीच अच्छा संदेश देती है।इसकी एक मिशाल बलरामपुर जिले के रामचंद्रपुर सेक्टर रामानुजगंज के खायामहुआ वार्ड क्रमांक 4 की निवासी सुमन विश्वकर्मा की जिंदगी में आए बदलाव को देखने से मिलती है। सुमन का जीवन पहले कठिनाइयों से भरा रहा है, घर में सभी आवश्यक जरूरत को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में पैसे नहीं थे।

सुमन के 3 बच्चे हैं दो लड़की एक लड़का। बेटे के बेहतर भविष्य बनाने और बेटियों की शादी की चिंता कहीं न कहीं उसे परेशान करती थी। बच्चों को पढ़ाने का खर्च, राशन व अन्य घरेलू सामग्रियों को खरीदने में काफी मुश्किल होती थी। उन्होंने बताया कि  परिवार के भरण पोषण के लिए उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब वे योजना से मिली राशि से अपने जीवन में बदलाव लाकर बहुत खुश हैं। वे कहती है कि शासन ने जब महतारी वंदन योजना का शुभारंभ किया तब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से योजना के बारे में पता चला कि सरकार हर महीने 1 हजार रुपए देगी।

तब मेरे मन में उम्मीद जगी कि पैसे बचा कर मैं इसका अपने जीवन में उपयोग कर सकती हूं। तब उन्होंने फॉर्म भरा और हर महीने पैसे आने लगे। वे बताती है कि वे पहले से सिलाई बुनाई में निपुण थी वह पहले पड़ोसी के मशीन में सिलाई करती थी महतारी वंदन योजना के पैसे आने के बाद तीन माह के पैसों से एक पुराना सेकंड हैंड सिलाई मशीन खरीदी जिससे वह सिलाई कर रही है सिलाई के माध्यम से मिले पैसों से वह अपने घर और बच्चों की पढ़ाई में खर्च कर रही है जिससे काफी सुविधा हुई है। वे कहती है कि महिला सशक्तिकरण को उत्प्रेरित करने वाली महतारी वंदन योजना के तहत हर माह एक हजार रुपए की राशि उनके खाते में पहुंच रही है। सुमन विश्वकर्मा ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि मोदी की गारंटी से ही आज मेरे बैंक खाते में प्रतिमाह एक हजार रुपए मिल रही है। जो विषम परिस्थिति में मेरे लिए वरदान है। जिसके लिए उन्होंने राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया।

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