छत्तीसगढ़

न नौकरी मिली, न मुआवजा: अडाणी कोल माइंस से प्रभावित किसान भटकते रहे दफ्तरों के बीच

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उदयपुर (सरगुजा), |
सरगुजा जिले के उदयपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले घाटबर्रा ग्राम के किसान बीते एक माह से मुआवजे की मांग को लेकर अडाणी कंपनी और प्रशासनिक कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। सोमवार की शाम करीब 4 बजे, प्रभावित किसान उदयपुर एसडीएम कार्यालय पहुंचे और सरगुजा कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपकर नौकरी के बदले मुआवजा राशि दिलाने की मांग की।

ज्ञापन में किसानों ने बताया कि अडाणी कोल माइंस परियोजना के लिए उनकी भूमि अधिग्रहित की गई है, और अधिग्रहण के दौरान यह आश्वासन दिया गया था कि उन्हें नौकरी के बदले मुआवजा प्रदान किया जाएगा। लेकिन न तो नौकरी दी गई और न ही मुआवजा राशि।

किसानों का आरोप है कि अडाणी कंपनी और प्रशासनिक अधिकारी उन्हें लगातार भ्रमित कर रहे हैं। किसान जब कंपनी कार्यालय जाते हैं, तो उन्हें तहसील कार्यालय भेजा जाता है और जब तहसील जाते हैं, तो वहां से पुनः कंपनी के पास लौटने की सलाह दी जाती है। यह क्रम बीते एक महीने से जारी है।

किसान अनिल यादव ने कहा, “हमें लगातार गुमराह किया जा रहा है। न कंपनी से स्पष्ट जवाब मिल रहा है और न ही प्रशासन कोई ठोस समाधान दे रहा है।” किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया, तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

📜 ज्ञापन सौंपने पहुंचे किसान:
आर.के.एस. यादव, अनिल यादव, रवि यादव, राकेश यादव, सुखदेव यादव, दुर्गा प्रसाद, राजेश यादव सहित अन्य ग्रामीण किसानों ने ज्ञापन सौंपकर अपनी व्यथा जाहिर की।

🌾 कृषक समाज की मांग:

  1. नौकरी के बदले मुआवजा देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाई जाए।
  2. किसानों को कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें, इसके लिए एकल खिड़की समाधान प्रणाली बनाई जाए।
  3. अडाणी कंपनी व प्रशासन जिम्मेदारी तय कर स्पष्ट जवाबदेही सुनिश्चित करें।
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