छत्तीसगढ़

लंबे समय तक याद रखा जाएगा प्रोफेसर महामनी कुमारी और मेरी एस सोरेंग का कार्यकाल –  डॉ गगराई , रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग के दो  विभागाध्यक्ष का सेवानिवृति पर हुआ विदाई समारोह का आयोजन

चक्रधरपुर । रांची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभाग के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा संकाय की जनजातीय भाषा कुड़ुख की विभागाध्यक्षा श्रीमती महामनी कुमारी और हो तथा संताली भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मेरी.एस. सोरेंग 30 जून 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं,। चूंकि 30 जून सोमवार को हूल दिवस के उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय द्वारा अवकाश घोषित किया गया है। इस कारण दोनों शिक्षिकाओं को 2 दिन पूर्व ही शनिवार को समारोह पूर्वक विदाई दी गई।

इस समारोह मे रांची वीमेंस कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय सिंह गागराई और डॉ इंदिरा बिरूवा ने उन्हें पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया और उनके उज्जवल, सुखमय कुशल स्वास्थ्य जीवन की कामना की। समारोह में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ विजय सिंह गगराई ने कहा कि दोनों प्रोफेसरों का कार्यालकाल लंबे समय तक याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि दोनों प्रोफेसरों ने इस कॉलेज  में सदा ही शिक्षा का जलाते आयें हैं। कॉलेज में सदा इनकी कमी खलेगी।

उन्होंने कहा सेवानिवृत प्रोफेसरों के मार्गदर्शन से यहां के कई छात्र छात्राओं ने शिक्षा के क्षेत्र में काफी ऊंचे ओहदे पर काबिज है और कइयों ने काफी प्रशंसनीय कार्य किया है । उन्होंने इस बात पर बल दिया कि हमलोग इनके बताए मार्ग पर चलकर कॉलेज के छात्राओं को और बेहतर शिक्षा दे सकेंगे। आज का दिन खुशियों एवं दुःख दोनों का मिलन का दिन है।

आज दोनों जनजातीय भाषा कुड़ुख की विभागाध्यक्ष श्रीमती महामनी कुमारी और हो तथा संताली भाषा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ मेरी.एस. सोरेंग ने अपनी जिंदगी के कई साल इस विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में अपना समय दिया है। दुःख इस बात का है कि ये दोनों का कार्यकाल अब खत्म हो गया है। इनकी कमी सभी को खलेगी । इस  अवसर पर विभाग के कई शिक्षक, शिक्षिकाएं, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

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