जो पांच पापों पर विजय प्राप्त कर लेता है उसे सत्य की प्राप्ति होती है- स्वामी प्रमोदानंद ,

शौंडिक धर्मशाला में दो दिवसीय सत्संग और राम कथा सम्पन्न ,
बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं श्रवण किया रामकथा
चक्रधरपुर। श्याम नारायण शौंडिक धर्मशाला चक्रधरपुर परिसर में दो दिवसीय राम कथा सत्संग का बुधवार को समापन हो गया। दो दिवसीय भव्य राम कथा सत्संग कार्यक्रम में महर्षि मेंही आश्रम भागलपुर से आए अध्यात्मिक सिद्ध गुरु स्वामी प्रमोदानन्द जी महाराज, पूज्यपाद डॉ. निर्मलानंद जी महाराज के द्वारा दो दिनों तक राम कथा सुनाने का कार्य संभाला। निर्मलानंद जी महाराज ने पवित्र मंत्रों का जाप करके कथा की शुरुआत की, जिससे प्रवचन का माहौल दिव्य हो गया।

कार्यक्रम के सहयोगी आयोजक गिरिराज सेना प्रमुख उमाशंकर गिरि ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज की दुनिया में अधर्म का प्रकोप बढ़ रहा है। हमारी संस्कृति और आध्यात्मिकता के बीज बोकर ही हम सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं।

इस राम कथा का उद्देश्य यही है। वही प्रमोदानंद महाराज ने बताया कि श्री राम का चरित्र युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण शिक्षा का स्रोत है।जिसे जीवन में ग्रहण करना चाहिए। जो व्यक्ति काम क्रोध व लोभ पर विजय प्राप्त कर लेता है उसे सत्य प्राप्ति होती है। गुरुजी ने मनुष्य को पांच पापों से बचने जिसमें हिंसा,चोरी,झुठ,नशापान व परिग्रह अनावश्यक राशि संग्रह को पांच पाप बताया है।

दिवंगत कमलदेव गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित किया ,
रामकथा सत्संग कार्यक्रम समापन के बाद प्रमोदानन्द जी महाराज के द्वारा दिवंगत कमलदेव गिरि को श्रद्धांजलि अर्पित कर नमन किया।
गिरिराज सेना ने किया सम्मानित स्वामी प्रमोदानन्द जी महाराज, पूज्यपाद डॉ. निर्मलानंद जी को गिरिराज सेना प्रमुख उमाशंकर गिरि के द्वारा अंग वस्त्र व मोमेंटो देकर गुरुओं का सम्मान वही स्वामी जी के द्वारा गिरिराज सेना परिवार का धन्यवाद देकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया। कार्यक्रम के सफ़ल आयोजन व संचालन के लिए नंदू साव, सुनील गुप्ता,दुबिया तांती, तुलसी गोप, सुमित पोद्दार,दिपक गोप,आशु यादव,व अन्य लोग मौजूद रहे।