छत्तीसगढ़

भैयाथान में संपत्ति विवाद ने फिर पकड़ा तूल, बिरेन्द्र दुबे ने कलेक्टर से लगाई गुहार

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सूरजपुर। जिले के भैयाथान तहसील में एक बार फिर संपत्ति विवाद को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर बरकरार है। उक्त मामले में ग्राम कोयलारी निवासी 72 वर्षीय बिरेन्द्र दुबे ने अपनी सौतेली मां सोनकुमारी दुबे कथित शैलकुमारी दुबे पर झूठी शिकायत कर परेशान करने का आरोप लगाया है। इस मामले में बिरेन्द्र दुबे ने कलेक्टर के समक्ष आवेदन देकर उचित कार्रवाई की मांग की है।बिरेन्द्र दुबे ने अपने आवेदन में बताया कि उनकी सौतेली मां सोनकुमारी दुबे के साथ संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है

वर्ष 2011 में सोनकुमारी ने अम्बिकापुर कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि बिरेन्द्र ने शैलकुमारी की मृत्यु की झूठी जानकारी देकर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और नमनाकला, अम्बिकापुर की जमीन को बेईमानी से अपने नाम पर पंजीकृत करा लिया। इस शिकायत के आधार पर बिरेन्द्र के खिलाफ थाना अम्बिकापुर में अपराध क्रमांक 418/2011 दर्ज हुआ था।इस मामले में माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अम्बिकापुर ने 30 नवंबर 2018 को बिरेन्द्र दुबे को दोषमुक्त कर दिया था

सोनकुमारी कथित शैलकुमारी ने इस फैसले के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश, अम्बिकापुर में आपराधिक अपील (क्रमांक 165/2018) दायर की, जिसे 27 जनवरी 2022 को खारिज कर दिया गया। अपर सत्र न्यायाधीश ने अपने फैसले की कंडिका 13 में स्पष्ट किया कि बचाव पक्ष के साक्ष्यों से साबित होता है कि बिरेन्द्र को इस मामले में झूठा फंसाया गया था। यह निर्णय अंतिम और स्थायी माना गया।

कुलमिलाकर मामले में बिरेन्द्र दुबे के आवेदन के बाद अब कलेक्टर कार्यालय में इस मामले की जांच शुरू होने की संभावना है। स्थानीय लोग इस मामले को लेकर दो धड़ों में बंटे हुए हैं, और यह देखना दिलचस्प होगा कि जिला प्रशासन इस पुराने विवाद को कैसे सुलझाता है। फिलहाल, बिरेन्द्र दुबे को उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा और बार-बार की शिकायतों से मुक्ति मिलेगी।

अब तीन साल बाद फिर शिकायत
उक्त मामले में बिरेन्द्र दुबे का कहना है कि तीन साल बाद भी सोनकुमारी कथित शैलकुमारी उसी आधार पर दोबारा शिकायत कर उन्हें परेशान कर रही हैं। उन्होंने कलेक्टर से गुहार लगाई है कि उनके खिलाफ बार-बार झूठी शिकायत कर मानसिक और सामाजिक प्रताड़ना दी जा रही है। बिरेन्द्र ने कलेक्टर से मांग की है कि सोनकुमारी और कथित शैलकुमारी के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाए ताकि इस विवाद का स्थायी समाधान हो सके।

क्या कहता है कानून
कानूनी जानकारों के मुताबिक, एक बार दोषमुक्त होने और अपील खारिज होने के बाद उसी आधार पर बार-बार शिकायत करना कानूनन गलत हो सकता है। यह मामला अब जिला प्रशासन के समक्ष है, और कलेक्टर के निर्णय पर सभी की नजरें टिकी हैं। इस विवाद ने न केवल भैयाथान बल्कि पूरे सूरजपुर जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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