
राउरकेला । राउरकेला के बंडामुंडा थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक सक्रिय डकैत गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह गिरोह शहर में डकैती की योजना बना रहा था, लेकिन पुलिस की मुस्तैदी से अपराध को अंजाम देने से पहले ही दबोच लिया गया। इस गिरोह का नेतृत्व कर रहा था कुख्यात अपराधी बिट्टू तांती, जिसे उसके पांच साथियों के साथ गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में अंशु कुमार, वाई. कृष्णा, बाबू उर्फ अजय पटनायक, बिबेक मोदक और अंतु मुखी शामिल हैं। ये सभी प्रेम नगर के पास एक खेत में डकैती की योजना बना रहे थे, तभी गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने मौके पर छापा मारकर सभी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने इनके पास से चार देशी पिस्तौल, एक देशी रिवॉल्वर, 15 जिंदा कारतूस (7.65 एमएम), दो तलवारें, एक लोहे की रॉड, एक क्रोबार, एक टॉर्च, छह खाली बीयर की बोतलें और पांच मोबाइल फोन बरामद किए हैं।
पुलिस के अनुसार, सभी हथियार और सामग्री आरोपियों द्वारा अवैध रूप से रखी गई थीं और इनका इस्तेमाल आपराधिक गतिविधियों के लिए किया जाना था। गिरोह का सरगना बिट्टू तांती पहले से ही चोरी, डकैती, हत्या, महिलाओं के खिलाफ अपराध और हथियार कानून के तहत 34 से अधिक मामलों में वांछित था।
अन्य आरोपियों की भी आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आई है — अंशु कुमार एनडीपीएस एक्ट, अजय पटनायक हत्या के प्रयास और सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम, जबकि अंतु मुखी उड़ीसा उत्पाद अधिनियम के तहत पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि गिरोह झारखंड और बिहार से अवैध हथियारों की खरीद कर उन्हें राउरकेला और बंडामुंडा क्षेत्र में तस्करी कर रहा था।
इस पूरे अभियान में बंडामुंडा थाना की टीम की भूमिका उल्लेखनीय रही। इस कार्रवाई का नेतृत्व निरीक्षक श्रीकांत खमारि ने किया, जिनके साथ एसआई मनोज बारा, सिद्धार्थ प्रधान, अर्जुन सेठी, एएसआई रत्नाकर मुंडा, संजिता सामल और सरोज पुहान जैसे पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
इस घटना को लेकर बंडामुंडा थाना में कांड संख्या 125/02.06.2025 के तहत भारतीय न्याय संहिता की धारा 310(4)/310(5) तथा शस्त्र अधिनियम की धारा 25(1-बी)(बी)/25(8) के अंतर्गत मामला दर्ज कर आगे की जांच जारी है।
यह कार्रवाई न केवल पुलिस की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि संगठित अपराध और अवैध हथियारों के खिलाफ राउरकेला पुलिस पूरी तत्परता से कार्रवाई कर रही है। शहर में कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाए रखने की दिशा में यह एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।