
चक्रधरपुर। कोलकाता के अलीपुर न्यायालय के फास्ट ट्रैक बैंच में दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस कांग्रेस के द्वारा दायर आर्बिट्रेशन अपील पर दोनों पक्ष कि दलीलों को सुनने के बाद अपना आदेश जारी किया है। यह आदेश दिया गया है। अंतरिम आदेश पारित किया गया है, जो इस आदेश के पारित होने के 90 दिनों के भीतर या फिर न्यायालय द्वारा तय की गई अतिरिक्त अवधि में मध्यस्थता कार्यवाही शुरू करने के अधीन है।
चुनाव से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों जैसे कि मतपत्र, मतपेटियाँ, सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए, जैसा कि प्रार्थना (ई) में अनुरोध किया गया है। अन्य सभी प्रार्थनाएं अस्वीकार कर दी गई हैं, जिनके कारण ऊपर दर्ज है। मामले में यह भी निर्देशित किया गया है कि उत्तरदायी प्राधिकरण यह सुनिश्चित करे कि बिंदु (1) के अनुसार जो सामग्री संरक्षित की जानी है,
वह कम से कम दो गवाहों की उपस्थिति में सूचीबद्ध की जाए , जिनमें एक गवाह उत्तरदायी प्राधिकरण नं. 1 से तथा एक-एक प्रतिनिधि प्रत्येक भाग ले रहे यूनियनों से हो। रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को संरक्षित वस्तुओं का संरक्षक नियुक्त किया जाता है। वस्तुओं की सूची और सुरक्षित रखाव की प्रक्रिया 3 दिन पूर्व सार्वजनिक सूचना बोर्ड और सभी भाग ले रहे ट्रेड यूनियनों को सूचना देकर की जाएगी।
इसके अतिरिक्त, यह भी निर्देश दिया गया है कि सूची तैयार करने की प्रक्रिया इस आदेश के पारित होने की तिथि से 10 कार्यदिवसों के भीतर पूरी की जाए और उसकी अनुपालन रिपोर्ट 13 जून, 2025 तक R.O द्वारा प्रस्तुत की जाए। याचिकाकर्ता को निर्देशित किया जाता है कि वह सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय Sundaram Finance Ltd. v. NEPC India Ltd., (1999) 2 SCC 479: 1999 SCC OnLine SC 31 के अनुसार मध्यस्थता की प्रक्रिया में प्रभावी कदम उठाएं और 13 जून, 2025 तक अनुपालन सुनिश्चित करें।
पक्षकार इस आदेश की सर्वर प्रतियों के आधार पर कार्रवाई करें।
आदेश तुरंत अपलोड किया जाए।
ज्ञात हो कि रेलवे में हुए यूनियन के मान्यता का चुनाव में हुए अनियमिताओं के खिलाफ मेंस कांग्रेस कोलकाता उच्च न्यायालय मे अपील किया था ।
मेंस कांग्रेस को मान्यता से दूर करने के साजिश में लगे सभी चेहरे होगे बेनकाब।चुनाव में हुए अनियमितता के खिलाफ माननीय न्यायालय के आदेश से रेलकर्मियों में खुशी की लहर,सभी कैडरो को निर्देश कि कर्मचारियों के बीच जा कर समस्या का समाधान में नए जोश के साथ जुट जाएं।