छत्तीसगढ़

भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में महिलाओं ने की कुमकुम पूजा,

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लगभग 300 से अधिक महिलाओं ने की तिरुपति बालाजी से आए पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गणेश

लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पारंपरिक कुमकुम पूजा ,

पूजा के पूर्व भगवान की निकाली गई पालकी यात्रा

चक्रधरपुर संवाददाता , भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में 42 वां पंचाहनिका वार्षिक ब्रह्मोत्सव के तीसरे दिन बुधवार को कुमकुम पूजा एवं महाभोग का आयोजन किया गया। सुबह से ही भगवान वेकटेश्वर की पूजा अर्चना आरंभ हो गई थी। तिरुपति से आए पंडितों के मंत्रोच्चारण से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। वहीं भक्तों ने गोविंदा-गोविंदा श्रीनिवासा गोविंदा का जाप किया।

इस दौरान सामूहिक कुमकुम अर्चना में करीब 300 से भी अधिक युवतियों और विवाहित महिलाओं ने उपवास रख कर भगवान वेंकटेश्वर (सत्यनारायण भगवान) का विधिपूर्वक भक्ति भाव से पूजा की। मंत्रोच्चारण की गूंज के बीच कुमकुम , हल्दी, सुपाड़ी, पान, अक्षत, मिष्ठान, रक्षा सूत्र सहित पूजन सामग्री सत्यनारायण भगवान को अर्पित करते हुए श्रद्धालुओं ने व्रत पूजन कर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रभु से मांगा।

वातावरण भक्तिमय रहा। भगवान बालाजी के मंत्र और भजन बज रहे थे। उत्सव कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का वितरण किया गया। पूजा से पहले भगवान बालाजी पालकी यात्रा निकाली गई।

पालकी को मंदिर परिसर में पंडितों ने मंत्रोच्चारण और गाजे-बाजे के साथ भ्रमण कराया। ब्रह्मोत्सव को लेकर शाम के समय प्रभु का वेंकटेश्वर की उतसवामूर्तूलू विशेष अलंकारम किया गया। वैसे मंदिर में दिनभर विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई।

कार्यक्रम वैखानस, अगमशास्त्र पंडित अंनतनारायणचार्युलु के तत्वावधान में सभी कार्यक्रम किया जा रहा है। मौके पर मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। आज के उत्सव में मुख्य रूप से के टी राव, एम के राव, वी वी आर मूर्ति,एम कृष्णा, के श्रीनिवास, शक्ति बाबू, सोनू सहित बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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