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बूढ़ी माई की जमीन पर कब्जे का कांड, प्रशासन का रवैया ठंडा-बस्ता

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साढ़े सात एकड़ पर अतिक्रमण का अड्डा, नोटिस बाँटकर राजस्व विभाग खामोश

रायगढ़ 15 मई 2025 : रायगढ़ में बूढ़ी माई मंदिर ट्रस्ट की कोतरा रोड वाली 7.36 एकड़ जमीन पर कब्जे का गोरखधंधा पकड़ा गया है। यहाँ न कॉलोनी बची, न अस्पताल, न दुकानें—सब कुछ ट्रस्ट की जमीन पर ठिकाने लगा दिया गया। ऊपर से प्रणामी मंदिर तक इस खेल में शामिल! कई बार सीमांकन हुआ, नोटिस बँटे, मगर राजस्व विभाग की कार्रवाई गायब। ऐसा लगता है, जैसे कब्जेधारियों को खुली छूट मिली हो!


खुलासा, फिर सन्नाटा : ट्रस्ट के ओमप्रकाश पटेल ने हल्ला मचाया, तो तहसीलदार ने सीमांकन का ढोल पीटा। आरआई मनोज पटेल, नंदराम पटेल, रागिनी साव और पटवारियों की फौज ने खसरा नंबर 24/1, 25/1, 36, 37, 52 (3.065 हेक्टेयर) की नापजोख की। नतीजा? सिद्धेश्वर नेत्रालय, अघरिया सदन, रुक्मणि विहार की सड़क, जलतारे होटल, मार्बल दुकान—सब अवैध! 26 कब्जेधारियों, जिनमें शिवकुमार नायक, रोहित महंत, और प्रणामी मंदिर तक शामिल हैं, को नोटिस थमाए गए। लेकिन उसके बाद? बस, चुप्पी का चक्कर!


कब्जे का किला : अघरिया सदन तो पूरी तरह ट्रस्ट की जमीन पर खड़ा है। सिद्धेश्वर नेत्रालय और प्रणामी मंदिर का भी हिस्सा दबोचा गया। दुकानें, मकान, सड़क—सब कुछ अवैध, फिर भी पक्का! स्थानीय लोग गुस्से में हैं। एक नागरिक ने कहा, “मंदिर की जमीन लूट रही है, और प्रशासन कागजी घोड़े दौड़ा रहा है।”

अब क्या : शनिवार को सुनवाई का ड्रामा होगा। देखना है, प्रशासन कब्जे हटाएगा या फिर फाइलों में दफन कर देगा। जनता की नजर टिकी है—क्या बूढ़ी माई को इंसाफ मिलेगा?

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