रायगढ़। उक्त आवदेन में कहा गया है की वे सब जुटमिल लेबर कालोनी रायगढ़ के निवासी हैं। और उनके परिवार के कई सदस्य जुटमिल में कार्य करते थे तथा जुटमिल लेबर कोलानी के नामक स्थान पर अपने पूरे परिवार के साथ शांतिपुर्वक निवास करते आ रहे हैं। वर्ष 2010 में जुटमिल प्रबंधन के द्वारा अवैध रूप से मिल को बन्द कर दिया। उस समय परिवार के सदस्य जो कार्य कर रहे थे उनका वेतन, ग्रेज्युटी एवं अन्य मद में करोड़ों रूपये बकाया था जिसे आज दिनांक तक उनके द्वारा भुगतान नही किया गया

साथ ही प्रबंधन के द्वारा करोड़ो रूपये का बिजली का बिल का भी भुगतान आज दिनांक तक नही किया गया है एवं प्रबंधन पर राजस्व के रूप में भी करोड़ो रूपये बकाया की जानकारी प्राप्त हुई है। वर्ष 2010 में जुटमिल बन्द होने के बाद प्रबंधन द्वारा हमें कोई सहायता नही दी गई तथा अचानक मिल बन्द हो जाने के कारण से हम बड़ी मुश्किल से अपने अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं तथा लेबर कालोनी में अपने परिवार के साथ निवास कर रहे हैं।
वर्तमान में जुटमिल के स्वामी के द्वारा स्थानीय व्यापारी को जुटमिल एवं उससे संलग्न भूमियों को अवैध रूप से बिकी करने का सौदा किया गया और उसी सौदा के तहत में उक्त स्थानीय व्यापारी के द्वारा जुटमिल की भूमि और उससे संलग्न खाली नजूल भूमि पर मिट्टी डलना प्रारंभ कर दिया। क्षेत्र के लोगो के द्वारा जब इस पर आपत्ति की गई तो वहां उपस्थित दबंग प्रवृति के व्यक्तियों के द्वारा मकान खाली करने हेतु धमकी दिया गया है।
वही जुटमिल के पीछे स्थित प्राकृतिक रूप से निर्मित तालाब को भी मिट्टी डालकर पाटना प्रारंभ कर दिया गया है। उनके द्वारा दिन भर जुटमिल की मशीनों की कटाई की जती है तथा रात्रि में उसका चुपके से परिवहन किया जा रहा है। इस प्रकार से मिल प्रबंधन एवं स्थानीय व्यापारी के द्वारा मिल के सभी मजदूरों का बकाया वेतन, ग्रेज्युटी, एवं अन्य मद की राशि का भुगतान किये बिना,बिजली विभाग एवं राजस्व विभाग की करोड़ो रूपये का भुगतान किये बिना उक्त अवैध कार्य किया जा रहा है एवं क्षेत्र के निवासियों को अपना मकान खाली करने हेतु भयभीत किया जा रहा है ।