छत्तीसगढ़

स्व सहायता समूह की महिलाएं कर रही हैं ग्राम पंचायतों का नेतृत्व

विकसित ग्राम पंचायतों की परिकल्पना पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित

विकसित ग्राम पंचायतो की परिकल्पना पर की गयी एक दिवसीय कार्यशाला

बिहान के माध्यम से महिलाओं का किया गया सशक्तिकरण

त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव, 2025 में 133 महिला सरपंच, 65 उपसरपंच, 26 जनपद सदस्य और 3-जिला पंचायत सदस्य निर्वाचित

स्वच्छ ग्रामपंचायतों के लिए लिया गया संकल्प

अम्बिकापुर । पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य पर जिला पंचायत सरगुजा के सभा कक्ष में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में हाल ही में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में निर्वाचित 133 महिला सरपंच, 65 उपसरपंच, 26 जनपद सदस्य एवं 3 जिला पंचायत सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न ग्राम पंचायतों की स्वच्छाग्राही दीदीयों ने भाग लिया।


कार्यशाला का उद्देश्य नवीन महिला सरपंचों को शासन की योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मनरेगा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) एवं पंचायत संचालनालय की अन्य योजनाओं की जानकारी देना और उन्हें सशक्त बनाना था।

कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि सरगुजा जिले की 439 ग्राम पंचायतों में करीब 1.20 लाख महिलाएं स्व सहायता समूहों से जुड़ी हैं, जो ग्राम विकास की प्रक्रिया में एक मजबूत कड़ी बन चुकी हैं। एनआरएलएम के माध्यम से महिलाओं में नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और शासन की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने की क्षमता का विकास किया जा रहा है।


कार्यशाला में पूर्व बिहान से जुड़ी महिला सरपंचों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। कुल 103 महिला सरपंचों को कार्यशाला के माध्यम से उन्मुख किया गया। जनपद सदस्य मेनका पावले और असिता कुजूर सहित कई महिला सरपंचों ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे अन्य प्रतिनिधियों को प्रेरणा मिली।

कार्यक्रम में ग्राम स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (LSDG) के तहत नौ संकल्प लिए गए, जिनके माध्यम से सभी महिला सरपंच अपने-अपने ग्राम पंचायतों को विकसित ग्राम पंचायतों में तब्दील करने हेतु कार्य करेंगी।

इस दौरान निर्वाचित महिला सरपंचों ने समग्र ग्रामीण विकास के उ‌द्देश्य से नौ बिन्दुओं के पर ग्रामपंचायतों में विकास कार्य कर अपने नेतृत्व में ग्राम पंचायतों को विकसित करने के लिए संकल्प लिया जोकि निम्न हैं-1. गरीबी मुक्त और उन्नत आजीविका वाला ग्राम 2. स्वस्थ ग्राम 3. बाल-सुलभ ग्राम 4. जल-पर्याप्त ग्राम 5. स्वच्छ और हरा-भरा ग्राम 6. आत्मनिर्भर बुनियादी ढाँचे वाला ग्राम 7. सामाजिक रूप से सुरक्षित ग्राम 8. सुशासन वाला ग्राम 9. जन-सम्पन्न विकास वाला ग्राम


जिला मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय कुमार अग्रवाल द्वारा महिला सरपंचों को जिला पंचायत एवं कलेक्ट्रेट परिसर का भ्रमण कराया गया, साथ ही उन्हें विभिन्न कार्यालयों की कार्यप्रणाली से अवगत कराया गया।

“पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) से बल मिला है। आज इन 103 महिला सरपंचों को एक दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से सशक्त किया गया, ताकि ये विकसित गाँवों की परिकल्पना को साकार किया जा सके।

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