छत्तीसगढ़

औद्योगिक संस्थानों में रेडक्रॉस का प्राथमिक सहायता प्रशिक्षण अभियान, सैकड़ों कर्मचारियों को मिला लाभ

रायगढ़, 28 फरवरी 2025 – जिले में विभिन्न औद्योगिक संस्थानों के कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, रायगढ़ शाखा द्वारा विशेष प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया। इस अभियान के तहत फैक्ट्री वर्कर, भारी वाहन चालक, नगर सैनिक, पुलिस बल, अस्पताल कर्मी, माइन्स, राइस मिल एवं रेलवे कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा व सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

रेडक्रॉस सोसायटी का जनकल्याणकारी योगदान

भारतीय रेडक्रॉस सोसायटी, रायगढ़ जिला शाखा, लगातार समाज कल्याण के कार्यों में अग्रसर रही है। इसके तहत गरीब व जरूरतमंदों को नि:शुल्क व्हीलचेयर, ऑक्सीजन सिलेंडर, फिजियोथेरेपी, कृत्रिम अंग, आर्थिक सहायता, दवा वितरण, एंबुलेंस सेवा जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। इसके अलावा नेत्र परीक्षण शिविर, मोतियाबिंद ऑपरेशन, रक्तदान शिविर, जनजागरूकता कार्यक्रम तथा टीबी रोगियों के लिए खाद्य सामग्री वितरण जैसी गतिविधियां भी शामिल हैं।

उद्योगों में व्यापक प्रशिक्षण अभियान

जिला कलेक्टर कार्तिकेया गोयल एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.के. चंद्रवंशी के मार्गदर्शन में रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा फरवरी 2025 में एम.एस.पी. जामगांव में 64 कर्मचारियों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण दिया गया। इससे पहले:

  • दिसंबर 2024जिंदल स्टील एंड पावर, रायगढ़ में 55 कर्मचारी प्रशिक्षित
  • जनवरी 2025लोकेश हॉस्पिटल, पुसौर में 29 कर्मचारी प्रशिक्षित
  • जनवरी 2025एन.आर.वी.एस. स्टील एंड पावर लिमिटेड, तराईमाल में 23 कर्मचारी प्रशिक्षित

आगामी 17 मार्च से 23 मार्च 2025 तक अंबुजा सीमेंट लिमिटेड, गारे-खम्हरिया, तमनार में भी प्राथमिक चिकित्सा व सीपीआर प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा।

नेत्र चिकित्सा में रेडक्रॉस की भूमिका

रेडक्रॉस सोसायटी, रायगढ़ शाखा ने 20 जनवरी से 12 फरवरी 2025 के बीच 437 मरीजों का नेत्र परीक्षण कर उन्हें मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए किरोड़ीमल शासकीय जिला चिकित्सालय रायगढ़ में सुविधा उपलब्ध करवाई। इस महत्वपूर्ण अभियान में रेडक्रॉस के सभी सदस्य एवं कर्मचारी सक्रिय रूप से शामिल रहे।

समाज सेवा में रेडक्रॉस की प्रतिबद्धता

रेडक्रॉस सोसायटी, रायगढ़ अपने समाजसेवी प्रयासों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवा और जनकल्याण में निरंतर योगदान दे रही है। औद्योगिक क्षेत्रों में इस तरह के प्रशिक्षण शिविर न केवल सुरक्षा को बढ़ावा देते हैं बल्कि आपातकालीन स्थितियों में कर्मचारियों को आत्मनिर्भर भी बनाते हैं।

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